G-20 Summit: भारत से दुबई के रास्ते यूरोप, रेल और शिपिंग का बिछेगा जाल
India-Middle East-Europe Shipping and Railway Corridor: भारत के अलावा यूएई और सऊदी अरब मिडिल-ईस्ट शिपिंग और रेलवे कॉरिडोर पर राजी हो गए हैं। जी-20 समिट से अलग इस जॉइंट रेल नेटवर्क प्रोजेक्ट का ऐलान हो गया है, जो काफी समय से चर्चा का विषय रहा है।
भारत-मध्य पूर्व-यूरोप शिपिंग और रेलवे कॉरिडोर
- भारत-मध्य पूर्व-यूरोप शिपिंग और रेलवे कॉरिडोर का हुआ ऐलान
- सऊदी अरब-यूएई हुए राजी
- चीन से मुकाबले में अहम होगा ये कॉरिडोर
India-Middle East-Europe Shipping and Railway Corridor: दिल्ली में जी-20 समिट (G-20 Summit) चल रहा है। इस शिखर सम्मेलन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने प्रगति मैदान के भारत मंडपम में की। जी-20 समिट के पहले ही दिन भारत को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। दरअसल यूएई और सऊदी अरब मिडिल-ईस्ट शिपिंग और रेलवे कॉरिडोर (India-Middle East-Eurupe Shipping and Railway Corridor) पर सहमत हो गए हैं। यानी ये कॉरिडोर यूरोप तक होगा। पीएम मोदी ने खुद इस कॉरिडोर का ऐलान किया है।
उन्होंने कहा कि मजबूत कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर ही मानवता के विकास का आधार है। भारत ने अपनी विकास यात्रा में इसे प्राथमिकता दी है।
जॉइंट रेल नेटवर्क प्रोजेक्ट
भारत के अलावा यूएई और सऊदी अरब मिडिल-ईस्ट शिपिंग और रेलवे कॉरिडोर पर राजी हो गए हैं। जी-20 समिट से अलग इस जॉइंट रेल नेटवर्क प्रोजेक्ट का ऐलान हो गया है, जो काफी समय से चर्चा का विषय रहा है।
क्या है इस कॉरिडोर का मकसद
अमेरिका, भारत, सऊदी अरब, यूएई, यूरोपीय संघ और अन्य जी-20 पार्टनर देश शिपिंग और रेल ट्रांसपोर्टेशन कॉरिडोर को एक्सप्लोर करने को तैयार थे, जिसका मकसद भारत से कॉमर्स, एनर्जी और डेटा के फ्लो को मध्य पूर्व से यूरोप तक पहुंचाने में मदद करना है।
ग्लोबल लीडर्स वे वैश्विक समुदाय के सामने आने वाली दिक्कतों के अलावा वैश्विक अर्थव्यवस्था और सप्लाई चेन में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की।
किसे होगा इस कॉरिडोर से फायदा
इस डील से क्षेत्र के लोन और मीडियम आय वाले देशों को लाभ होगा और ग्लोबल कॉमर्स में मध्य पूर्व को महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में मदद मिलेगी। इंफ्रास्ट्रक्चर डील से मध्य पूर्व के देशों को रेलवे के नेटवर्क के जरिए जोड़ने की उम्मीद है। यह नेटवर्क क्षेत्र के बंदरगाहों से शिपिंग लेन के माध्यम से भारत से भी जुड़ेगा। वहीं यूरोपीयन कमीशन के प्रेसिडेंट का कहना है कि मेगा रेल लिंक से भारत और यूरोप के बीच व्यापार 40% तेज हो जाएगा। इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस रेल लिंक को एक बड़ी डील कहा है।
चीन से मुकाबले में अहम होगा ये कॉरिडोर
इस कॉरिडोर को इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के नजरिये काफी अहम माना जा रहा है। खासकर जहाँ चीन की मौजूदगी है, उन देशों में इस कॉरिडोर के तहत रेल और शिपिंग नेटवर्क पर सहमति बनना काफी अहम है। माना जा रहा है कि यह नेटवर्क चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) से मुकाबला करेगा।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर व...और देखें
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited