Gandhi Jayanti: जिस नील ने मोहनदास को बनाया महात्मा गांधी, अब उसी से जमकर कमाई कर रहे हैं किसान
Mahatma Gandhi Champaran Movement: पहला सत्याग्रह गांधी जी ने चंपारन (बिहार) में नील की खेती करने वाले किसानों के लिए किया था, जिसकी सफलता के बाद गांधी जी को 'महात्मा' की उपाधि मिली और बापू भी कहा जाने लगा।
महात्मा गांधी का चंपारण आंदोलन
- नील की खेती से किसान मालामाल
- कभी अंग्रेज जबरन करवाते थे खेती
- नील की खेती में होता है जैविक खाद का इस्तेमाल
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जमीन कर देते थे नीलाम
कहां-कहां होती है खेती
- बिहार
- बंगाल
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- उत्तराखंड
ये है प्रॉसेस
- नील के पौधे 2 से 3 मीटर तक के होते हैं
- उन पर बैंगनी और गुलाबी रंग के फूल आते हैं
- इन फूलों से नेचुरल नीला रंग निकलता है
- इसका उपयोग डाई और कपड़े रंगने का नील बनाया जाता है
कितनी होती है कमाई
काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें
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