Gas Price: सरकार ने अप्रैल के लिए 7.92 डॉलर तय की गैस की कीमतें, ONGC और OIL के लिए 6.5 डॉलर होगा दाम
Gas Price for April 2023: सरकार ने नए मूल्य निर्धारण फॉर्मूले के अंतर्गत अप्रैल 2023 के लिए गैस की कीमतें तय कर दी हैं। सरकार ने शुक्रवार को नेचुरल गैस की कीमत 7.92 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू तय की जबकि ग्राहकों के लिए कीमतें 6.5 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू पर तय हुई है।
सरकार ने अप्रैल 2023 के लिए नेचुरल गैस की कीमतें तय कर दी हैं
- सरकार ने अप्रैल 2023 के लिए तय की गैस की कीमतें
- नेचुरल गैस की कीमत 7.92 डॉलर प्रति mmBtu पर तय
- उपभोक्ताओं के लिए 6.5 डॉलर प्रति mmBtu रखे दाम
Gas Price for April: सरकार ने शुक्रवार को नए मूल्य निर्धारण फॉर्मूले के तहत अप्रैल के बाकी दिनों के लिए नेचुरल गैस की कीमत 7.92 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू (दस लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट) तय कर दी है। हालांकि, ग्राहकों के लिए दरें 6.5 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू पर सीमित कर दी गई हैं। तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम प्लानिंग और एनालीसिस सेल ने एक आदेश में कहा कि 8 अप्रैल से 30 अप्रैल के लिए प्राकृतिक गैस की कीमत 7.92 अमेरिकी डॉलर प्रति mmBtu होगी। बताते चलें कि ये कीमत इंपोर्ट किए जाने वाले कच्चे तेल की औसत लागत के 10 प्रतिशत मूल्य के आधार पर तय की गई है।
उपभोक्ताओं के लिए 6.5 डॉलर प्रति mmBtu पर तय हुई कीमत
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हालांकि मूल्य निर्धारण फॉर्मूले में बदलाव करते हुए उपभोक्ताओं के लिए दरों को 6.5 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू पर सीमित कर दिया है। आदेश में कहा गया है, ”ओएनजीसी (Oil and Natural Gas Corporation) और ओआईएल (Oil India Limited) द्वारा उनके पुराने क्षेत्रों से बनने वाली गैस के लिए कीमत 6.5 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू की सीमा के अधीन होगी।”
4 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू से कम नहीं होंगे दाम
बताते चलें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिश को मान लिया, जिसमें घरेलू स्तर पर बनने वाली प्राकृतिक गैस की कीमत को इंपोर्ट किए जाने वाले कच्चे तेल के मासिक औसत मूल्य के 10 प्रतिशत तक रखने की बात कही गई थी। हालांकि, ये कीमतें 4 डॉलर एमएमबीटीयू से कम नहीं होगी। इसके लिए ऊपरी मूल्य सीमा 6.5 डॉलर प्रति यूनिट तय की गई है।
सीएनजी और पीएनजी के दामों में आएगी गिरावट
इस फैसले से सरकार को अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले कीमतों पर काबू पाने में मदद मिलेगी। क्रिसिल रेटिंग्स ने कहा कि किरीट पारिख समिति की प्रमुख सिफारिशों को स्वीकार करने के साथ गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाली कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) और पाइपलाइन से आने वाली रसोई गैस (पीएनजी) की कीमतों में 9 से 11 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है।
भाषा इनपुट्स के साथ
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