India GDP Growth Data: वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रही 6.7%, पिछले साल थी 8.2 प्रतिशत
India’s Q1 GDP Growth Data: वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.7% पर रही। जबकि पिछले साल इस तिमाही में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि थी।
भारत की जीडीपी ग्रोथ
- भारत की जीडीपी घटकर 15 महीने के निचले स्तर पर पहुंची।
- फिर भी भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है।
- कृषि सेक्टर के खराब प्रदर्शन से भारत की आर्थिक रफ्तार घटी है।
India’s Q1 GDP Growth Data News Updates: सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा 30 अगस्त को जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्ध दर वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान 6.7% पर रही। 15 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई। भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) अप्रैल-जून 2024 तिमाही (Q1 FY25) के दौरान साल-दर-साल 6.7 प्रतिशत बढ़ा, जबकि एक साल पहले 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की थी। मुख्य रूप से कृषि क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के चलते पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार घटी है। हालांकि, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्था बना हुआ है। गौरतलब है कि अप्रैल-जून तिमाही में चीन की GDP वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत रही है।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 2024-25 की पहली तिमाही में वास्तविक GDP या स्थिर मूल्यों पर GDP 43.64 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि 2023-24 की पहली तिमाही में यह 40.91 लाख करोड़ रुपये होगी, जो 6.7 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाती है।
पिछले साल की इसी तिमाही (Q1 FY24) में भारत की वास्तविक जीडीपी 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी। मार्च 2024 को समाप्त पिछली तिमाही में आर्थिक वृद्धि 7.8 प्रतिशत थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक भारत का सकल मूल्य वर्धित या GVA, जो कि जीपीडी में से शुद्ध उत्पाद करों को घटाकर प्राप्त किया जाता है और आपूर्ति में वृद्धि को दर्शाता है भी अप्रैल-जून 2024 के दौरान 6.8 प्रतिशत बढ़ा।
सामान्य शर्तों में जीडीपी, जिसमें महंगाई दर भी शामिल है, Q1 2024-25 के दौरान 9.7 प्रतिशत की वृद्धि करेगी, जबकि एक साल पहले यह 8.5 प्रतिशत थी।
सकल स्थिर पूंजी निर्माण (GFCF), जो देश में निवेश गतिविधि का एक संकेतक है, जून 2024 तिमाही के दौरान 7.5 प्रतिशत बढ़कर 15.20 लाख करोड़ रुपये हो गया। GFCF का सकल घरेलू उत्पाद में 34.8 प्रतिशत हिस्सा है।
निजी अंतिम उपभोग व्यय (PFCE) वित्त वर्ष2024-25 की पहली तिमाही में सालाना आधार पर 7.4 प्रतिशत बढ़कर 24.56 लाख करोड़ रुपये हो गया।
NSO ने शुक्रवार को जारी आंकड़ों में बताया कि समीक्षाधीन तिमाही के दौरान कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 2% रही। बीते वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही में यह आंकड़ा 3.7% था
दूसरी ओर विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि सालाना आधार पर 5% से बढ़कर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 7% हो गई। तिमाही आधार पर GDP वृद्धि की न्यूनतम दर जनवरी-मार्च, 2023 में 6.2% थी।
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