GDP Data Q1 2023: अप्रैल-जून में 7.8 फीसदी रही GDP ग्रोथ रेट, भारत अब भी सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था
GDP Growth Rate Of India 2023: सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून के लिए जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) डेटा का ऐलान कर दिया है। अप्रैल-जून तिमाही में देश की विकास दर 7.8 फीसदी रही।
सरकार ने जारी किया 2023 की अप्रैल-जून तिमाही का जीडीपी डेटा
- सरकार ने अप्रैल-जून तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ डेटा किया पेश
- अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 फीसदी रही विकास दर
- अप्रैल-जुलाई में 6.06 लाख करोड़ रु तक पहुंच गया राजकोषीय घाटा
GDP Growth Rate Of India 2023: सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून के लिए जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) डेटा का ऐलान कर दिया है। अप्रैल-जून तिमाही में देश की विकास दर 7.8 फीसदी रही, जो कि पिछली 4 तिमाहियों में सबसे अधिक है। अर्थशास्त्रियों ने अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी के 7.7 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया था। यानी देश की जीडीपी के आंकड़े अर्थशास्त्रियों के अनुमान से थोड़े बेहतर रहे।
इसी साल जनवरी- मार्च तिमाही में जीडीपी ग्रोथ या विकास दर 6.1 फीसदी रही थी। वहीं पिछले साल जून तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 13.1 फीसदी दर्ज की गई थी। उसका अहम कारण था लो बेस। यानी उससे पिछले साल कोरोना काल में देश की विकास दर काफी गिर गई थी।
संबंधित खबरें
सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था
भारत अब भी सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है क्योंकि अप्रैल-जून तिमाही में चीन की जीडीपी वृद्धि 6.3 प्रतिशत रही थी। अप्रैल-जून में कृषि क्षेत्र ने 3.5% की मजबूत वृद्धि दर्ज की, जो 2022-23 की अप्रैल-जून तिमाही में 2.4 प्रतिशत थी।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ घटकर 4.7 प्रतिशत रह गई, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 6.1 प्रतिशत थी। वहीं कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 7.9% की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि जनवरी-मार्च में यह 10.4% और अप्रैल-जून 2022 में 16% थी।
कहां पहुंचा राजकोषीय घाटा
31 अगस्त को लेखा महानियंत्रक (Controller General of Accounts) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत सरकार का राजकोषीय घाटा अप्रैल-जून में 4.51 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर अप्रैल-जुलाई में 6.06 लाख करोड़ रुपये हो गया।
6.06 लाख करोड़ रुपये पर, चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों के लिए राजकोषीय घाटा पूरे साल के 17.87 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य का 33.9 प्रतिशत है। बता दें कि अप्रैल-जुलाई 2022 के लिए राजकोषीय घाटा 2022-23 के लक्ष्य का 20.5 प्रतिशत था।
जुलाई नहीं रहा अच्छा महीना
जुलाई में, 1.54 लाख करोड़ रुपये का मासिक राजकोषीय घाटा दर्ज करने के बाद केंद्र की वित्तीय स्थिति कमजोर हो गई। वहीं पिछले साल इसी महीने में सरकार ने 11,040 करोड़ रुपये का राजकोषीय अधिशेष (Fiscal Surplus) दर्ज किया था। इसका मतलब है कि अप्रैल-जुलाई 2023 के लिए राजकोषीय घाटा 2022-23 के पहले चार महीनों की तुलना में 77.7 प्रतिशत अधिक रहा।
राजकोषीय घाटे का लक्ष्य
हालाँकि, पिछले महीने यानी जुलाई में वित्तीय स्थिति कमजोर होने के बावजूद, केंद्र सरकार 2023-24 के लिए जीडीपी के 5.9 प्रतिशत के अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने की राह पर है। 2023-24 के लिए केंद्र का राजकोषीय घाटा लक्ष्य (Fiscal Deficit Target) जीडीपी का 5.9 प्रतिशत है, जो 2022-23 में जीडीपी के 6.4 प्रतिशत से कम है।
कितनी रही निजी खपत वृद्धि
भारत में अप्रैल-जून में निजी खपत वृद्धि (Private Consumption Growth) 6.0% दर्ज की गई। जबकि जनवरी-मार्च में यह 2.8% और अप्रैल-जून 2022 में 19.8% थी।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें
Upcoming IPO: अगले हफ्ते एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी समेत आ रहे 3 IPO, 102 रु का होगा सबसे सस्ता शेयर, पैसा रखें तैयार
Tata Group-Pegatron JV: टाटा ग्रुप ने बनाया ताइवान की पेगाट्रॉन के साथ जॉइंट वेंचर, भारत में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग को मिलेगा बढ़ावा
Luxury Homes: गुरुग्राम में लग्जरी घर बनाएगी एम्मार, कितनी होगी कीमत, 1000 करोड़ इन्वेस्ट करेगी कंपनी
Gem Exports: भारत के रत्नों का एक्सपोर्ट बढ़ा, रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा
Stock Market Outlook: भारतीय शेयर बाजार की स्थिति में हुआ सुधार, मगर अब भी ठहराव रह सकता है जारी
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited