INDIA GDP DATA: जुलाई-सितंबर तिमाही में 7.6% रही जीडीपी ग्रोथ रेट, खनन-उत्खनन और कंस्ट्रक्शन सेक्टर से मिला सपोर्ट
GDP Growth Rate Q2 FY24: वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर में जीडीपी ग्रोथ रेट (GDP Growth Rate) 7.6% रही।

वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में विकास दर
- जुलाई-सितंबर में 7.6 फीसदी रही जीडीपी विकास दर
- अक्टूबर तक 8 लाख करोड़ रु रहा राजकोषीट घाटा
- 8 प्रमुख उद्योगों का उत्पादन 12.1% बढ़ा
GDP Growth Rate Q2 FY24: वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर में जीडीपी ग्रोथ रेट (GDP Growth Rate) 7.6% रही। वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर में जीडीपी ग्रोथ रेट (GDP Growth Rate) 7.6% रही। कृषि, पशुधन, वानिकी (Forestry) और मछली पकड़ने का उद्योग की विकास दर 1.2% रही, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में रही 2.5% से कम है। हालांकि खनन और उत्खनन में 0.1 प्रतिशत गिरावट के मुकाबले 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
विनिर्माण क्षेत्र में 3.8 प्रतिशत की गिरावट के बाद13.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 13.3 प्रतिशत रही, जो वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में 5.7 प्रतिशत थी। व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और अन्य में वृद्धि 15.6 प्रतिशत से घटकर 4.3 प्रतिशत रह गई।
कितनी रही वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद2023-24 की दूसरी तिमाही में स्थिर (2011-12) कीमतों पर वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद या जीडीपी 41.74 लाख करोड़ रुपये के स्तर तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि 2022-23 की दूसरी तिमाही में यह 38.78 लाख करोड़ रुपये था। यानी इसमें 7.6% की वृद्धि हुई है। वहीं 2022-23 की दूसरी तिमाही में यह वृद्धि 6.2% रही थी।
2023-24 की दूसरी तिमाही में मौजूदा कीमतों पर नॉमिनल जीडीपी 71.66 लाख करोड़ होने का अनुमान है, जबकि 2022-23 की दूसरी तिमाही में यह 65.67 लाख करोड़ रुपये थी। ये 2022-23 की दूसरी तिमाही में 17.2% की तुलना में 9.1% की वृद्धि दर्शाता है।
छमाही में कितनी बढ़ी जीडीपी
2023-24 की पहली छमाही में मौजूदा कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 142.33 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 131.09 लाख करोड़ रुपये था। ये 2022-23 की पहली छमाही में 22.2% की तुलना में 2023-24 की पहली छमाही में 8.6% की वृद्धि को दर्शाता है।
8 लाख करोड़ रु रहा राजकोषीट घाटा
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर तक चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में भारत का राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) 8.037 लाख करोड़ रुपये रहा, जो सालाना अनुमान के 45% के बराबर है। यह पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि के दौरान रहे 45.6% से थोड़ा कम है। बता दें कि सरकार के खर्च और राजस्व के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा कहते हैं।
सरकार का राजकोषीय घाटा 2023-24 के लिए 17.86 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी का 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
8 प्रमुख उद्योगों का उत्पादन बढ़ा
वहीं अक्टूबर में आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 12.1 प्रतिशत बढ़ा। पिछले साल समान महीने में इसमें 0.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। उर्वरक को छोड़कर सभी क्षेत्रों में अच्छी वृद्धि दर्ज की गई। इन प्रमुख क्षेत्रों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली शामिल हैं। कोयला, इस्पात, सीमेंट और बिजली उत्पादन में वृद्धि दहाई अंक में रही।
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