जर्मनी हर साल 288000 बाहरी लोगों को देगा कमाई का मौका, भारतीय कैसे ले सकते हैं फायदा

जर्मनी में आए दिन कुशल कामगारों की कमी से जुड़े आंकड़े सामने आते हैं। हाल ही में एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जर्मनी को 2040 तक हर साल 288,000 कुशल कामगारों की जरूरत है। भारतीय कामगारों के लिए जर्मनी में नौकरी का यह एक अच्छा अवसर है।

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देश के लाखों युवा विदेश में नौकरी करने का सपना देखते हैं। अगर आप भी ऐसी ही किसी नौकरी की तलाश में हैं तो जर्मनी आपके लिए एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। बर्टेल्समैन स्टिफ्टंग (Bertelsmann Stiftung) की एक रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी की अर्थव्यवस्था को बढ़ती उम्र की आबादी से आई चुनौतियों का सामाधान करने के लिए साल 2040 तक सालाना 2,88,000 आप्रवासियों की जरूरत होगी। मंगलवार को प्रकाशित इस रिपोर्ट में कहा गया कि घरेलू कार्यबल की बढ़ती भागीदारी के बावजूद भी देश को आप्रवासियों की आवश्यकता होगी।

भारतीय कामगारों के लिए मौका

भारतीय कामगारों के लिए यह एक अच्छा अवसर है। जर्मनी में पहले से ही 273,000 भारतीय मूल के लोग रह रहे हैं, जिनमें प्रवासी और जर्मन नागरिक भी शामिल हैं। भारतीय अफगानिस्तान के बाद जर्मनी में दूसरे सबसे बड़े दक्षिण, दक्षिण पूर्व, पूर्व या मध्य एशियाई समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जर्मनी में कुशल भारतीय श्रमिकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। फेडरल लेबर मिनिस्ट्री केअनुसार, फरवरी 2024 तक देश में 137,000 भारतीय कुशल पदों पर है, जबकि, 2015 में यह संख्या केवल 23,000 तक सिमट कर रह गई थी।

प्रोफेशनल वीजा जारी करने की घोषणा

Business Standard की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस महीने की शुरुआत में जर्मनी ने की कमी से निपटने के लिए 2024 में 10% से अधिक प्रोफेशनल वीजा जारी करने की योजना की घोषणा की थी। सरकार ने 17 नवंबर को अगले साल 200,000 प्रोफेशनल वीजा जारी करने की पुष्टि भी की थी। इनमें से 90,000 भारतीय कुशल श्रमिकों को आवंटित किए जाएंगे, जो वर्तमान सीमा 20,000 से काफी अधिक है।

जर्मनी में रहने की लागत

अगर आप जर्मनी जाने की योजना बना रहे हैं तो आपको वहां रहने की लागत को भी समझना होगा। यूनिवर्सिटी लिविंग की एक रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी में औसतन रहने का खर्च €1,235 (लगभग 1 लाख रुपये) प्रति माह है। घर का खर्च लगभग 48.6% (€600) है। यूटिलिटी का खर्च लगभग 38.5% (€475) है, जबकि ट्रांस्पोर्टेशन खर्च 6.9% (€85) है। वहीं, खाने पीने, मनोरंजन और पर्सनल केयर जैसे अन्य खर्च लगभग 6.1% (€75) है। जीवनशैली और शहर की प्राथमिकताओं के आधार पर कुल मासिक खर्च €920 और €1,550 के बीच हो सकता है।

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अंकिता पाण्डेय author

मैं अंकिता पान्डे Timesnowhindi.com जुड़ी हूं । मैं उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर प्रतापगढ़ में पली बढ़ी हूं। शुरुआती पढ़ाई लिखाई भी वहीं रहकर हुई। ज...और देखें

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