India Ranking: बीते एक दशक में वैश्विक स्तर पर दिखी भारत की ताकत, व्यापार से लेकर इनोवेशन में सुधरी रैंकिंग
Logistics Performance Index: भारत ने बीते एक दशक में कई प्रमुख वैश्विक सूचकांकों में अपनी रैंकिंग में सुधार किया है, जिसमें व्यापार, इनोवेशन, और आर्थिक स्थिति प्रमुख हैं। जानिए कैसे भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति मजबूत की।
वैश्विक स्तर पर दिखी भारत की ताकत
Global Innovation Index: केंद्र सरकार की अनुकूल नीतियों और व्यापक सुधारों के कारण बीते एक दशक में भारत में तेज़ी से विकास हुआ है। इसके साथ ही वैश्विक स्तर पर कई महत्वपूर्ण सूचकांकों में भारत की रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है।
लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स में सुधार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर जोर दिया, जिसके परिणामस्वरूप भारत की लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स (LPI) 2023 में 16 स्थानों का सुधार हुआ है। अब भारत 139 देशों के बीच 38वें स्थान पर पहुंच गया है, जो एक बड़ी उपलब्धि है।
ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में बढ़त
भारत की रैंकिंग ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) 2024 में सुधरकर 39वीं हो गई है। 2015 में भारत की रैंकिंग 81वीं थी, लेकिन अब यह एक महत्वपूर्ण छलांग दिखाती है। केंद्र सरकार द्वारा स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने के कारण देश की इनोवेशन क्षमता में भारी वृद्धि हुई है।
भारत का फॉरेक्स रिजर्व
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) 2024 में पहली बार 700 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया था। इसके परिणामस्वरूप भारत वैश्विक स्तर पर फॉरेक्स रिजर्व में चीन, जापान और स्विट्जरलैंड के बाद चौथे स्थान पर पहुंच गया है, जो देश की आर्थिक ताकत को दर्शाता है।
वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक में सुधार
भारत की रैंकिंग 2024 में वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक में 39वीं हो गई है, जो 2014 में 71वीं थी। यह दिखाता है कि सरकार व्यापार अनुकूल नीतियों के जरिए उद्योगों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना रही है।
एफडीआई में वृद्धि
बीते एक दशक में (अप्रैल 2014 से सितंबर 2024) भारत में 709.84 अरब डॉलर का एफडीआई इनफ्लो हुआ, जो पिछले 24 वर्षों में आए कुल एफडीआई का 68.69 प्रतिशत है। यह भारत के निवेश के आकर्षण और व्यापारिक माहौल में सुधार का संकेत है।
भारत की जीडीपी रैंकिंग में सुधार
भारत की जीडीपी रैंकिंग में भी महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। 2014 में भारत 10वें स्थान पर था, जबकि अब यह 5वें स्थान पर है। अनुमान के मुताबिक, अगले तीन से चार वर्षों में भारत जर्मनी और जापान को पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
भारत ने बीते एक दशक में कई प्रमुख सूचकांकों में अपनी रैंकिंग में जबरदस्त सुधार किया है। वैश्विक व्यापार, इनोवेशन, और वित्तीय क्षेत्रों में भारत की बढ़ती ताकत यह दर्शाती है कि आने वाले वर्षों में यह वैश्विक शक्ति के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत करेगा।
--आईएएनएस इनपुट के साथ
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