Go First का ये कंपनी लगाएगी बेड़ा पार, दांव चला तो फिर उड़ेंगे हवाई जहाज

Go First Insolvency and revival plan:अलवरेज एंड मार्शल (Alvarez & Marsal) अमेरिकी कंसल्टिंग फर्म है। जिसकी स्थापना साल 1983 में हुई थी। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार उसने भारत में एस्सार स्टील (Essar Steel) के रिवावइल में अहम योगदान दिया है। एस्सार स्टील पर करीब 7 अरब डॉलर का कर्ज था।

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गो फर्स्ट को अभी रिवाइवल की उम्मीद

Go First Insolvency and revival plan:आर्थिक संकट में फंसी Go First ने दिवालिया प्रक्रिया के लिए अप्लाई कर दिया है। और कंपनी के सीईओ कौशिक खोना ने कर्मचारियों को भेजे संदेश में इस बात की उम्मीद जताई है कि कंपनी रिवाइव कर सकेगी। और यह रिवाइवल कैसे होगा इसको लेकर Go First ने दुनिया की दिग्गज कंपनी अलवरेज एंड मार्शल (Alvarez & Marsal)को अपना तारणहार चुना है।
अलवरेज एंड मार्शल दुनिया भर में सकंट में फंसी कंपनियों के रिवाइवल में मदद करती है। हाल ही में स्विटजरलैंड के बैंक क्रेडिट सुइस (Credit Suisse)के रिवाइवल के लिए भी इस कंपनी को चुना गया है। Go First को उम्मीद है कि दिवालिया प्रक्रिया से गुजरने के बाद कंपनी के लिए कमबैक का रास्ता निकल सकता है। हालांकि इसके पहले जेट एयरवेज ने भी अलवरेज एंड मार्शल को ऐसे ही संकट से निकलने के लिए अपना साथी बनाया था। लेकिन अभी तक वह ऑपरेशन शुरू नहीं कर पाई है।
कौन है अलवरेज एंड मार्शल
अलवरेज एंड मार्शल (Alvarez & Marsal) अमेरिकी कंसल्टिंग फर्म है। जिसकी स्थापना साल 1983 में हुई थी। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार उसने भारत में एस्सार स्टील (Essar Steel) के रिवावइल में अहम योगदान दिया है। एस्सार स्टील पर करीब 7 अरब डॉलर का कर्ज था। जिसमें से 85 फीसदी कर्ज रिकवरी में मदद की थी।
इसके अलावा वह रेवलॉन से भी जुड़ी हुई है। हाल ही में स्विटजरलैंड के बैंक क्रेडिट सुइस के रिवाइवल की जिम्मेदारी उसे मिली है। इसके अलावा कंपनी ने IL&FS ने साल 2018 में अलवरेज एंड मार्शल को अपने साथ जोड़ा था। गो फर्स्ट की तरह डूब चुकी एयरलाइन जेट एयरवेज ने अलवरेज एंड मार्शनल की मदद ली थी। ऐसे में अब यह देखना है कि अलवरेज एस्सार स्टील जैसा कारनामा कर पाती है या नहीं। ईटी की खबर के अनुसार अलवरेज एंड मार्शल ने इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। लेकिन इंडस्ट्री सूत्रों के अनुसार गो फर्स्ट ने अलवरेज एंड मार्शल को नियुक्त कर लिया है।
6500 करोड़ रुपये का कर्ज
रॉयटर्स के मुताबिक गो फर्स्ट के फाइनेंशियल क्रेडिटर्स में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया लिमिटेड (CBI), बैंक ऑफ बड़ौदा, आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) लिमिटेड, एक्सिस बैंक (Axis Bank) लिमिटेड और ड्यूश बैंक (Deutsche Bank) शामिल हैं। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा के कंसोर्टियम का गो फर्स्ट पर 1,300 करोड़ रुपये का लोन है। वहीं आईडीबीआई बैंक का भी एयरलाइन पर 50 करोड़ रुपये का लोन बकाया है। इसी तरह सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का एयरलाइन पर कुल एक्सपोजर 2,000 करोड़ रुपये है। कुल मिलाकर एयरलाइन पर बैंकों का 6,521 करोड़ रु का बकाया है।
कंपनी के सीईओ ने क्या कहा
कौशिक खोना ने कहा है कि प्रैट एंड व्हिटनी इंजन में बार-बार आने वाली दिक्कतों की वजह से आज एयरलाइन के समक्ष यह संकट पैदा हुआ है। इंजन की आपूर्ति करने में विफल रहने से गंभीर संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में एयरलाइन के पास स्वैच्छिक दिवाला समाधान कार्यवाही के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इसका मकसद प्रभावी कदमों के जरिये कंपनी को परिचालन में बरकरार रखना है।सीईओ ने कर्मचारियों को गो गेटर्स के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि हम आपको भरोसा दिलाना चाहते हैं कि इस स्थिति से निपटने के लिए भरपूर प्रयास किए जा रहे हैं।
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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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