Go First की उड़ानें रद्द होने से प्रभावित रूट का विश्लेषण कर रही सरकार, सिंधिया बोले- मंत्रालय तय नहीं करता किराया
Go First Airlines: वित्तीय संकट से गुजर रही भारत की एयरलाइन कंपनी गो फर्स्ट की फ्लाइट्स कैंसिल होने से जिन रूट पर बुरा असर पड़ रहा है, नागर विमानन मंत्रालय उस रूटों का विश्लेषण कर रहा है। बताते चलें कि गो फर्स्ट की फ्लाइट कैंसिल होने से बाकी एयरलाइन्स कंपनियां कुछ चुनिंदा रूट पर यात्रियों से ज्यादा किराया वसूल रही हैं।
सरकार हवाई सफर का किराया तय नहीं करती
3 मई से ही बंद पड़ी हैं गो फर्स्ट की उड़ानें
बताते चलें कि दिवाला समाधान प्रक्रिया का सामना कर रही गो फर्स्ट की फ्लाइट्स पिछले महीने 3 मई से ही बंद पड़ी हैं। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में कहा, “हमने बाकी एयरलाइन कंपनियों को एक्स्ट्रा रूट दिए हैं लेकिन ये स्थिति अलग है। मुझे नहीं लगता कि किसी दूसरे सेक्टर ने पिछले 3 सालों में इतने उतार-चढ़ाव देखे हैं, जितने एविएशन सेक्टर में हुए हैं। हमने एक ग्रुप बनाया है और हम (गो फर्स्ट संकट से) प्रभावित हुए इन रूटों का विश्लेषण कर रहे हैं।”
गो फर्स्ट की फ्लाइट्स बंद होने से क्यों बढ़ रहा किराया
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, “हम पूरा विश्लेषण कर रहे हैं. हम सुनिश्चित करेंगे कि किराया एक लिमिट के अंदर रहे.'' सिंधिया ने कहा कि गो फर्स्ट की फ्लाइट्स कैंसिल होने से डिमांड और सप्लाई में संतुलन बिगड़ गया है, जिसकी वजह से ये स्थिति पैदा हुई है।” उन्होंने यह भी कहा कि सिविल एविएशन सेक्टर एक कंट्रोल फ्री सेक्टर है, यही कारण है कि सरकार हवाई सफर का किराया तय नहीं करती।
जल्द ही देश में 200 से ज्यादा हो जाएगी एयरपोर्ट संख्या
इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में बातचीत करते हुए सिंधिया ने कहा कि यात्रियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने 9 साल में कुल 74 एयरपोर्ट बनाए हैं। उन्होंने कहा कि अगले 3-4 सालों में देश में 200 से ज्यादा एयरपोर्ट काम करने लगेंगे।
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मैं सुनील चौरसिया,. मऊ (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला हूं और अभी दिल्ली में रहता हूं। मैं टाइम्स ना...और देखें
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