जेट एयरवेज और किंगफिशर की राह पर Go First ! भारत में फिर क्यों फेल हो रही है एयरलाइन कंपनी
गोफर्स्ट ने दिवालिया होने के लिए आवेदन कर दिया है। कंपनी के सामने बड़ा आर्थिक संकट है। इसे अपने आधे एयरक्राफ्ट पहले ही जमीन पर उतारने पड़े हैं। अब कंपनी ने दो दिन के लिए सभी फ्लाइटें कैंसल कर दी हैं।
जेट एयरवेज और किंगफिशर की तरह बंद होगी Go First
- पैसे की कमी के कारण गोफर्स्ट होगी दिवालिया
- दो दिन के लिए रोकीं सभी उड़ानें
- वाडिया ग्रुप की कंपनी है गोफर्स्ट
पर सवाल ये है कि आखिर गो फर्स्ट कैसे जेट एयरवेज और किंगफिशर की राह पर पहुंच गई? आगे जानिए।
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आर्थिक हालत है बेहद खराब
गोफर्स्ट कैश एंड कैरी मोड पर है। इसका मतलब है कि इसे जितनी फ्लाइट ऑपरेट करनी हैं, कंपनी को उनके लिए डेली भुगतान करना होगा। कंपनी ने दिवालिया होने के लिए जो आवेदन किया है, उनके मुताबिक 6527 करोड़ रु का कर्ज है।
कंपनी ऑपरेशनल क्रेडिटर्स की पेमेंट में भी चूक गई है। इनमें वेंडर्स के 12.02 अरब रुपये और विमान पट्टेदारों के 26.60 अरब रुपये शामिल हैं।
क्यों बंद हुई जेट एयरवेज
बता दें कि जेट एयरवेज की विफलता के बाद गोफर्स्ट भारत में ऐसी पहली एयरलाइन है, जिसके सामने पैसे की तंगी आई है। बंद हो चुकी जेट एयरवेज 2019 में कॉलैप्स हो गई और उसके हजारों कर्मचारियों का फ्यूचर अधर में लटक गया था।
जेट एयरवेज लीज पर मिले विमानों के लिए पेमेंट नहीं कर पाई। इससे कंपनी से उन कंपनियों ने एयरक्राफ्ट ले लिए, जिन्होंने इसे वे लीज पर दिए थे। वहीं इसके पास ऑपरेशंस के खर्चों के लिए भी पैसा नहीं था। ये बड़े कारण रहे, जिनके चलते जेट एयरवेज बंद हुई।
किंगफिशर की हालत इसलिए हुई खराब
किंगफिशर की कहानी जेट एयरवेज से भी ज्यादा दिलचस्प है। 2003 में शुरू की गई किंगफिशर एयरलाइंस के पास 2011 में भारत के डोमेस्टिक मार्केट की दूसरी सबसे बड़ी हिस्सेदारी थी। मगर 2012 में, ये एयरलाइन बंद हो गई।
अपने छोटे से करियर के दौरान, किंगफिशर एयरलाइंस ने कभी लाभ नहीं कमाया। कुछ मायनों में ये एक स्टार्टअप एयरलाइन की तरह थी। जैसे-जैसे समय बीतता गया, इस पर कर्ज बढ़ता गया और कंपनी के सीईओ विजय माल्या और उनकी टीम ने स्थिति को संभालने के लिए कुछ खास नहीं किया। नतीजे में किंगफिशर बंद हो गई।
इंडस्ट्री लीडर रही है गोफर्स्ट
गोफर्स्ट की वेबसाइट के अनुसार ये एयरलाइन सितंबर 2018 और नवंबर 2019 के बीच लगातार 15 महीनों तक 'ऑन टाइम परफॉर्मेंस' के मामले में इंडस्ट्री में नंबर 1 रही। वहीं वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान इसकी सबसे कम उड़ान रद्द हुईं।
88.9% के साथ इसके पास सेकंड हाइएस्ट लोड फैक्टर रहा। पर फिर भी अब ये एयरलाइन बंद होने की कगार पर है।
क्यों आई बंद होने की नौबत
स्पेयर पार्ट्स और इंजन की कमी के कारण एयरलाइन के आधे एयरक्राफ्ट जमीन पर आ गये। यानी उनकी सेवाएं रोकनी पड़ीं। इसके लिए एयरलाइन अमेरिकी इंजन कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी (पी एंड डब्ल्यू) को दोष देती है। इससे कंपनी को काफी फाइनेंशियल नुकसान हुआ है। कंपनी पर ऑयल मार्केटिंग कंपनियों का भी बकाया है। वहीं इसने अपने कर्मचारियों की सैलेरी भी लटका रखी है।
वाडिया ग्रुप की कंपनी है गोफर्स्ट
गोफर्स्ट वाडिया ग्रुप की कंपनी है। नुस्ली वाडिया, वाडिया ग्रुप के चेयरमैन हैं। फोर्ब्स के अनुसार वाडिया दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में 700वें नंबर पर हैं। उनकी दौलत इस समय 33538 करोड़ है।
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