अब क्या होगा Go First का, इस अरबपति ने भी खीचें हाथ, 11000 करोड़ रु का कर्ज

Go First May Liquidate: जिंदल स्टील एंड पावर के प्रमोटर नवीन जिंदल में एक्सप्रेस ऑफ इंटेरेस्ट (ईओआई) पेश किया था, जो एयरलाइन के लिए बोली लगाने वाले के रूप में एकमात्र नाम हो सकते थे। मगर उन्होंने भी फाइनल बोली नहीं लगाई।

गो फर्स्ट को नहीं मिला खरीदार

मुख्य बातें
  • गो फर्स्ट हो सकती है लिक्विडेट
  • नहीं मिला कोई खरीदार
  • बढ़ाई जा चुकी लिक्विडेशन की डेडलाइन

Go First May Liquidate: एक समय था जब गोफर्स्ट (Go First) देश की प्रमुख एयरलाइनों में से एक थी। मगर आज ये दिवालिया है और इससे भी बढ़कर एयरलाइन को कोई खरीदने वाला भी नहीं है। ऐसे में एयरलाइन के पास केवल दो ही विकल्प हैं। इनमें एक है कि इसकी रेजोल्यूशन समयसीमा को आगे बढ़ाया जाए, जिससे शायद इसे कोई खरीदार मिल जाए और दूसरा है एयरलाइन का Liquidation। लिक्विडेशन का मतलब है कर्जदारों का पैसा चुकाने के लिए किसी कंपनी की संपत्तियां बेचना।

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