Gold Demand:गोल्ड की डिमांड में तेजी बरकार, जानें रिकॉर्ड कीमतों में कौन है बड़ा खरीदार

Gold Demand: तिहासिक रूप से, भारत और चीन सहित दुनिया के पूर्वी बाजार में तब्दीली तब आती है जब कीमतें नीचे जा रही होती हैं, जबकि पश्चिमी बाजार में तब्दीली तब आती है जब कीमतें ऊपर जा रही होती हैं। लेकिन पहली बार उलटफेर देखा गया है।

गोल्ड की डिमांड में तेजी बरकरार

Gold Demand: ऊंची कीमतों के बावजूद गोल्ड की डिमांड में कमी नहीं आई है। जनवरी-मार्च के दौरान ग्लोबल लेवल पर गोल्ड की मांग मामूली रूप से तीन प्रतिशत बढ़कर 1,238 टन हो गई। डिमांड का आलम यह रहा कि साल 2016 के बाद से सबसे मजबूत तिमाही रही है। इस दौरान करीब 1238 टन गोल्ड की खरीदारी हुई है। डिमांड में तेजी की वजह जिनमें भू-राजनीतिक जोखिम में वृद्धि और चल रही व्यापक आर्थिक अनिश्चितता है। गोल्ड अप्रैल में अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया और कीमतें 74000 प्रति 10 ग्राम को पार कर गई थी।

कौन खरीद रहा है गोल्ड

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के वरिष्ठ बाजार विश्लेषक लुईस स्ट्रीट ने कहा कि मार्च के बाद से सोने की कीमत सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि हालिया उछाल के पीछे कई कारक हैं, जिनमें भू-राजनीतिक जोखिम में वृद्धि और चल रही व्यापक आर्थिक अनिश्चितता शामिल है। इसके अलावा केंद्रीय बैंकों की ओर से निरंतर तथा मजबूत मांग, मजबूत ओटीसी निवेश और ‘डेरिवेटिव’ बाजार में बढ़ी हुई शुद्ध खरीद ने सोने की कीमत को बढ़ाने में योगदान दिया है।

स्ट्रीट ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से, भारत और चीन सहित दुनिया के पूर्वी बाजार में तब्दीली तब आती है जब कीमतें नीचे जा रही होती हैं, जबकि पश्चिमी बाजार में तब्दीली तब आती है जब कीमतें ऊपर जा रही होती हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार हमने पूर्ण उलटफेर देखी है। पहली तिमाही में भारतीय और चीनी बाजारों में सोने की कीमतों में वृद्धि पर तब्दीली आई है।

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