महंगाई ने भारतीयों का गोल्ड से मोह किया भंग ! गांवों के नंबर कर देंगे हैरान
Gold Demand Dips In India: वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के अनुसार अक्टूबर से दिसंबर के महीनों में भारत की सोने की खपत में साल 2021 की इसी अवधि की तुलना में करीब 27 फीसदी की गिरावट आ सकती है। वहीं, बढ़ती महंगाई के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में गोल्ड की डिमांड में ज्यादा गिरावट दिख सकती है।
गोल्ड से लोग बना रहे हैं दूरी !
- सितंबर में महंगाई दर 5 महीने के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गई थी।
- मांग कम होने का असर गोल्ड की कीमतों में गिरावट के रूप में पर दिख रहा है।
- ग्रामीण इलाकों में दिख रहा है। जहां से भारत की दो तिहाई गोल्ड डिमांड आती है।
गोल्ड की कीमत भी गिरी
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के अनुसार अक्टूबर से दिसंबर के महीनों में भारत की सोने की खपत में साल 2021 की इसी अवधि की तुलना में करीब 27 फीसदी की गिरावट आ सकती है। वहीं, बढ़ती महंगाई के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में गोल्ड की डिमांड कम हो सकती है। WGC के इंडियन ऑपरेशंस के रिजन सीईओ सोमसुंदरम पीआर ने न्यूज एजेंसी रायटर को बताया कि भारत में सोने की दो-तिहाई मांग ग्रामीण क्षेत्रों से आती है, जहां ज्वैलरी, पूंजी इकट्ठा करने का जरिया है। दिसंबर तिमाही में भारत की सोने की मांग एक साल पहले के 343.9 टन से गिरकर करीब 250 टन रह सकती है। और पूरे साल में भारत की कुल सोने की खपत को लगभग 750 टन तक ला सकती है, जो पिछले साल के 797.3 टन से कम रहेगी।
मांग कम होने का असर कीमतों पर दिख रहा है, और गोल्ड की कीमतें दो साल के निचले स्तर पर आ गई हैं। और एक नवंबर को 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 50,460 रुपये पर आ गई।
दिवाली पर कम बिका सोना
WGC के अक्टूबर से दिसंबर तिमाही के आंकलन से यह भी साफ कि इस बार दिवाली पर सोने की बिक्री कम हुई है। जो कि गोल्ड की डिमांड का सबसे बड़ा जरिया है। हालांकि कम बिक्री का एक फायदा यह भी है कि भारत के व्यापार घाटे में कमी आएगी। क्योंकि मांग गिरने से आयात कम होगा। साल 2021-22 में भारत में 46.14 अरब डॉलर का गोल्ड का आयात किया गया था।
क्षेत्र | सितंबर में महंगाई दर |
ग्रामीण | 7.56 फीसदी |
शहरी | 7.27 फीसदी |
बेकाबू महंगाई ने बिगाड़ा बजट
कीमतें बढ़ने की सबसे बड़ी वजह खाद्य महंगाई दर है जो सितंबर में 8.60 फीसदी पर पहुंच गई। जबकि अगस्त में यह 7.62 फीसदी थी। इसी तरह कपड़े-जूते की कीमतों की महंगाई दर 10.17 फीसदी, ईंधन और बिजली की महंगाई दर 10.39 फीसदी पर पहुंच गई ।यानी गरीब तबके और मध्यम वर्ग पर महंगाई का सबसे ज्यादा बोझ पड़ रहा है। हालात यह है कि आरबीआई, महंगाई के टारगेट चार फीसदी (दो फीसदी कम या अधिक) को पूरा नहीं कर पा रहा है। औरइस साल जनवरी से ही मुद्रास्फीति लगातार छह प्रतिशत के ऊपर बनी हुई है। यही कारण है कि लोगों की बचत घट रही है, और लोग निवेश कम कर रहे हैं।
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