Gold Price Outlook: जल्द 96000 रु तक जा सकता है गोल्ड, टूट जाएंगे सारे रिकॉर्ड, आखिर क्या है वजह

Gold Price Prediction 2025: सोने की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे में भारत में उपभोक्ताओं और निवेशकों को उतार-चढ़ाव और अवसरों के लिए तैयार रहना चाहिए। आईसीआईसीआई बैंक ग्लोबल मार्केट्स की एक रिपोर्ट के अनुसार ग्लोबल आर्थिक अनिश्चितताओं और अमेरिकी टैरिफ पॉलिसी के कारण साल 2025 की पहली छमाही में सोने की कीमतें 87,000 से 90,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती हैं।

Gold Price Prediction 2025

96000 तक जा सकता है Gold का भाव

मुख्य बातें
  • सोने के दाम बढ़ेंगे
  • 96000 तक जा सकता है भाव
  • इसी साल छू सकता है 96000 का आंकड़ा

Gold Price Prediction 2025: सोने की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे में भारत में उपभोक्ताओं और निवेशकों को उतार-चढ़ाव और अवसरों के लिए तैयार रहना चाहिए। आईसीआईसीआई बैंक ग्लोबल मार्केट्स की एक रिपोर्ट के अनुसार ग्लोबल आर्थिक अनिश्चितताओं और अमेरिकी टैरिफ पॉलिसी के कारण साल 2025 की पहली छमाही में सोने की कीमतें 87,000 से 90,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती हैं। विश्लेषकों के अनुसार, 2025 की दूसरी छमाही में वे और भी बढ़कर 96,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती हैं।

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भारत में सोने का महत्व बहुत अधिक

भारत में सोना सिर्फ निवेश ऑप्शन ही नहीं है, बल्कि सांस्कृतिक परंपराओं का भी हिस्सा है। खास तौर पर शादियों और त्यौहारों के दौरान इसकी अहमियत काफी बढ़ जाती है। सोने की कीमतों में हाल ही में आई तेजी ने ज्वैलरी खरीदारों को टेंशन में डाल दिया है। हालांकि निवेश की मांग मजबूत बनी हुई है।

कहां तक जा सकते हैं सोने के रेट

ईटी की रिपोर्ट के अनुसार आईसीआईसीआई बैंक ग्लोबल मार्केट्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक आगे स्थानीय सोने की कीमतों के साल 2025 की पहली छमाही में 87,000 रुपये प्रति दस ग्राम से 90,000 रुपये प्रति दस ग्राम के बीच और 2025 की दूसरी छमाही में 94,000 रुपये प्रति दस ग्राम से 96,000 रुपये प्रति दस ग्राम के बीच पहुंचने की उम्मीद है।

सोने की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण

2 अप्रैल से पारस्परिक टैरिफ लागू करने की अमेरिकी सरकार की योजना ने आर्थिक अनिश्चितताएं पैदा की हैं। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये के मजबूत होने से स्थानीय सोने की कीमतों पर असर पड़ा है।

सोने का आयात भी घटा

आईसीआईसीआई बैंक की रिपोर्ट बताती है कि इस समय ज्वैलरी की मांग प्रभावित हुई है। सोने की कीमतों में बढ़ोतरी से ज्वैलरी की मांग पर असर पड़ता दिख रहा है, जिसने सोने के आयात को पिछले 11 महीनों में अपने सबसे निचले स्तर, 2.3 बिलियन डॉलर पर ला दिया है, जो मासिक आधार पर 14 प्रतिशत की गिरावट और सालाना आधार पर 63 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है।

सोने में निवेश पर फर्क नहीं पड़ा

ज्वैलरी की खरीदारी में कमी आई है, लेकिन सोने में निवेश स्थिर बना हुआ है, जिसमें ईटीएफ और केंद्रीय बैंक अहम भूमिका निभा रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार फरवरी 2025 में गोल्ड ईटीएफ में 19.8 अरब रु का निवेश आया, जो पिछले नौ महीनों में दर्ज किए गए 14.8 अरब रु के औसत शुद्ध निवेश से अधिक है।"

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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