Gold rate: मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच सोने की कीमतों में उछाल जारी, क्या आपको खरीदना चाहिए?
Gold rate on High Amid Israel Iran war: अगर सप्ताह के अंत तक भू -राजनीतिक स्थितियां और प्रतिकूल होती हैं तो सोने की कीमतों में तेजी बनी रहेगी। भारत सहित वैश्विक बाजारों में अस्थिरता के बीच, बाजार पर्यवेक्षकों ने निवेशकों को शांत रहने की सलाह दी है क्योंकि स्थिति में जल्द ही सुधार होने की संभावना जताई जा रही है।

सोने की कीमतों में तेजी जारी।
Gold rate on High Amid Israel Iran war: मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच सोने की कीमतों में तेजी जारी है। इस सप्ताह सोने में निश्चित उछाल देखने को मिला है। ईरान-इजरायल संघर्ष के कारण सोने की ऊंची कीमतों के साथ अधिक खरीद के बावजूद खरीदारों की स्थिति बरकरार रही। शनिवार को सोने की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी देखी गई। सुबह के कारोबार में 24 कैरेट सोने की कीमत 7,785.3 रुपये प्रति ग्राम थी। यह शुक्रवार के मुकाबले 120 रुपये की वृद्धि को दर्शाती है। वहीं, 22 कैरेट सोने की कीमत 7,138.3 रुपये प्रति ग्राम थी, जो कि शुक्रवार से 110 रुपये ज्यादा थी।
सुरक्षित निवेश विकल्प की वजह से बढ़ रही मांग
एसकेआई कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक नरिंद्र वाधवा ने कहा, ''मध्य पूर्व में राजनीतिक अस्थिरता के समय, सोना अक्सर सुरक्षित निवेश का विकल्प बन जाता है, जबकि कच्चे तेल की कीमतें आपूर्ति में बाधा आने की चिंता के कारण तेजी से प्रतिक्रिया करती हैं।'' वाधवा ने आगे कहा, "अनिश्चितता से सोना खरीदने की बढ़ती मांग हो रही है, क्योंकि लोग इसे सुरक्षित निवेश मानते हैं। इसके साथ ही, ऊर्जा बाजार में भी तेल की कमी की अटकलें लगाई जा रही हैं, जिससे सोना और तेल दोनों ही वैश्विक जोखिम का संकेत बन गए हैं।"
सोने के खरीदारों की रुचि बनी रहेगी
व्यापार विश्लेषकों का अनुमान है कि ब्याज दरों में निरंतर नरमी से सोने के खरीदारों की रुचि बनी रहेगी। हालांकि, वैश्विक स्तर पर सोने की कीमत 0.2 प्रतिशत गिरकर 2,649.69 डॉलर प्रति औंस पर आ गईं। क्योंकि सितंबर में अमेरिकी नौकरियों में वृद्धि हुई जबकि बेरोजगारी दर घटकर 4.1 प्रतिशत पर आ गई। बेहतर नौकरियों के आंकड़ों के बाद शुक्रवार को अमेरिकी बाजार बढ़त के साथ बंद हुए।
विश्लेषकों के अनुसार अगर सप्ताह के अंत तक भू -राजनीतिक स्थितियां और प्रतिकूल होती हैं तो सोने की कीमतों में तेजी बनी रहेगी। भारत सहित वैश्विक बाजारों में अस्थिरता के बीच, बाजार पर्यवेक्षकों ने निवेशकों को शांत रहने की सलाह दी है क्योंकि स्थिति में जल्द ही सुधार होने की संभावना जताई जा रही है। वहीं, दूसरी ओर शेयर निवेशक मध्य पूर्व में बढ़ते संघर्ष पर नजर रख रहे हैं। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और चीन जैसे सस्ते बाजारों में फंड के प्रवाह के बीच भविष्य में बाजार में निराशावाद जारी रहने की उम्मीद है।
आईएएनएस इनपुट के साथ
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