Real Estate News: नोएडा, ग्रेटर नोएडा में घर खरीदारों के लिए गुड न्यूज! यूपी सरकार ने 15 बिल्डरों को दी जीरो पीरियड राहत

Noida Real Estate News: नोएडा, ग्रेटर नोएडा समेत उत्तर प्रदेश में घर खरीदारों के लिए खुशखबरी है क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार ने 15 रियल एस्टेट डेवलपर्स को प्रोजैक्ट्स पूरा करने के लिए दूसरी बार दो साल के लिए जीरो पीरियड राहत दी है।

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नोएडा में बिल्डरों को मिली बड़ी राहत

Noida Real Estate News: उत्तर प्रदेश सरकार ने 15 रियल एस्टेट डेवलपर्स को 2013 से 2015 के बीच के फेज के लिए दूसरा दो साल का जीरो अवधि बेनिफिट दिया है, जब एनजीटी द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के कारण ओखला पक्षी अभयारण्य के 10 किमी के दायरे में निर्माण रोक दिया गया था, जबकि वेटलेंड के इको सेंसेटिव जोन का सीमांकन चल रहा था। यह छूट नोएडा में रुकी हुई रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स के समाधान के लिए नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की अगुवाई में यूपी सरकार के पैनल द्वारा प्रस्तावित कई सिफारिशों में से एक है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पहली जीरो अवधि, दिसंबर 2023 में उन परियोजनाओं के लिए शुरू की गई, जहां कोविड महामारी के कारण निर्माण रुका हुआ था। उसने नोएडा प्राधिकरण के कुल बकाया को 8,234 करोड़ रुपये से घटाकर 1,865 करोड़ रुपये कर दिया, क्योंकि 27 डेवलपर्स, जिन्होंने राहत पैकेज को अपनाया। उसने संचयी रूप से 502 करोड़ रुपये का बकाया चुका दिया और अन्य 14 ने कुल 32 करोड़ रुपये का आंशिक भुगतान किया।

दूसरी माफी से नोएडा प्राधिकरण के बकाया में 182 करोड़ रुपये की कमी आने की उम्मीद है। इसके तहत सरकार बिल्डरों पर उस अवधि के लिए लगाए गए ब्याज और दंडात्मक ब्याज को माफ कर देगी, जिस अवधि के दौरान उनकी परियोजनाएं रुकी हुई थीं। इसका लाभ अंततः घर खरीदारों को मिलेगा क्योंकि इससे आवासीय परियोजनाओं और सालों से अटके फ्लैटों के रजिस्ट्रेशन में तेजी आने की उम्मीद है। बिल्डरों द्वारा जीरो अवधि के लिए ब्याज लाभ भी खरीदारों को दिए जाने की संभावना है।

दूसरे दौर की राहत के बाद तीन डेवलपर्स लॉरिएट बिल्डवेल, एचआर ओरेकल और एआईएमएस आरजी एंजेल प्रमोटर्स का बकाया क्रमशः 81 लाख रुपये, 51 लाख रुपये और 4 करोड़ रुपये से पूरी तरह से माफ कर दिया जाएगा। प्रतीक बिल्डटेक का बकाया भी घटकर 26 करोड़ रुपये रह जाएगा। पहले दौर की छूट के बाद बिल्डर को अभी भी नोएडा ऑथरिटी को 48 करोड़ रुपये का प्रीमियम देना था। 15 करोड़ रुपये की राहत के बाद एआईएमएस प्रमोटर्स का बकाया 38 करोड़ रुपये रह गया है। स्काईटेक कंस्ट्रक्शन, जिसे 10 करोड़ रुपये की राहत मिली थी। उसे अब ऑथरिटी को 12 करोड़ रुपये का भुगतान करना है, जबकि एसडीएस इंफ्राटेक का बकाया 25 करोड़ रुपये की राहत मिलने के बाद संशोधित कर 50 करोड़ रुपये कर दिया गया।

ATS टाउनशिप को 35 करोड़ रुपये की राहत मिली। इसका संशोधित बकाया अब 9.6 करोड़ रुपये है। नोएडा ऑथरिटी ने स्पष्ट किया कि एनजीटी से संबंधित किसी भी पूर्व जीरो अवधि लाभ को वर्तमान 2 साल की छूट के विरुद्ध समायोजित किया गया था। इसलिए, दो पात्र डेवलपर्स को अतिरिक्त राहत नहीं मिली। सिविटेक डेवलपर्स, जिसने पहले ही अपना बकाया चुका दिया है। उसे 27 पेंडिंग फ्लैटों के लिए लीज डीड निष्पादित करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन जीरो-अवधि छूट से वित्तीय रूप से लाभ नहीं हुआ। सनवर्ल्ड डेवलपर्स, जिसे पहले भी जीरो-अवधि का लाभ मिला था और जिसकी दूसरे दौर के लिए भी जांच की गई थी, किसी और राहत के लिए योग्य नहीं था।

जमीन बकाया पर चूक करने वाली 57 परियोजनाओं में से 6 ने जीरो-अवधि छूट के पहले दौर के बाद अपने बकाया को जीरो कर दिया। पुनर्वास पैकेज को स्वीकार करने वाले और अपने पुनर्गणना किए गए बकाया का 25% भुगतान करने वाले 27 डेवलपर्स दूसरे जीरो अवधि के लिए पात्र थे, लेकिन उनमें से सभी एनजीटी के निर्माण प्रतिबंध से प्रभावित नहीं थे। समीक्षा के बाद ऑथरिटी ने 15 प्रोजेक्ट्स को छूट के लिए पात्र पाया।

छूट के दूसरे दौर के लिए, प्रत्येक प्रोजेक्ट्स की व्यक्तिगत रूप से जांच की गई ताकि उस समय निर्माण की स्थिति का पता लगाया जा सके और यह भी पता लगाया जा सके कि अधिभोग प्रमाण पत्र (OCs) के लिए आवेदन जमा किए गए थे या नहीं। NGT प्रतिबंधों के कारण दिए गए किसी भी पिछले जीरो-अवधि लाभ को समायोजित कर दिया गया। NGT ने शुरू में 14 अगस्त 2013 को प्रतिबंध लगाया था, जिसके तहत OBS के 10 किमी के दायरे में निर्माण गतिविधि को प्रतिबंधित किया गया था। उस वर्ष अक्टूबर तक इन प्रतिबंधों को कड़ा कर दिया गया था, जिससे पर्यावरण मंजूरी के बिना OCs जारी नहीं किए जा सके। बाद में केंद्र ने 19 अगस्त 2015 को OBS के आसपास के पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र को घटाकर 100 मीटर कर दिया, जिससे प्रतिबंध प्रभावी रूप से हटा दिये गए।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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