Offshore Crypto Apps: क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में तहलका, Google ने Binance सहित कई विदेशी एक्सचेंज ऐप्स को प्ले स्टोर से हटाया

Google Removes Many Offshore Crypto Apps From Play Store: केंद्र सरकार ने भारतीय यूजर्स के लिए बाइनेंस, कुकोइन और ओकेएक्स जैसे विदेशी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों और वर्चुअल डिजिटल एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स के वेब प्लेटफॉर्म के एक्सेस को ब्लॉक कर दिया।

Offshore Crypto Apps

ऑफशोर क्रिप्टो ऐप्स बैन

मुख्य बातें
  • क्रिप्टो मार्केट में तहलका
  • कई ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर से हटाया गया
  • लिस्ट में बाइनेंस का भी नाम

Google Removes Many Offshore Crypto Apps From Play Store: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को भारतीय यूजर्स के लिए बाइनेंस (Binanace), कुकोइन (Kucoin) और ओकेएक्स (OKX) जैसे विदेशी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों और वर्चुअल डिजिटल एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स के वेब प्लेटफॉर्म के एक्सेस को ब्लॉक कर दिया। इसके बाद 24 घंटे से भी कम समय में इनके ऐप्स को Google Play Store भी से हटा दिया गया है। हालांकि इस मामले में सरकार की ओर से कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है।

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क्या है पूरा मामला

ईटी की रिपोर्ट में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि Google को इन ऐप्स को हटाने का निर्देश देने का कदम वित्त मंत्रालय के इनपुट के बाद उठाया गया।

मंत्रालय का इनपुट था कि इन प्लेटफार्मों का इस्तेमाल कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने इन प्लेटफार्मों के एंड्रॉइड ऐप्स को हटाने के आदेश भी जारी किए थे।

आईओएस स्टोर से हो गया सफाया

पिछले हफ्ते मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के बाद इन प्लेटफॉर्म के iOS स्टोर ऐप्स को पहले ही हटा दिया गया है। पिछले कुछ दिनों में इन डिजिटल एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स के खिलाफ की गई कार्रवाई वित्त मंत्रालय की वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) के इनपुट पर आधारित रही, जिसमें सुझाव दिया गया था कि हो सकता है कि इन प्लेटफार्मों का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया गया है।

यूआरएल भी ब्लॉक

एफआईयू ने 28 दिसंबर को बाइनेंस और आठ अन्य क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों को नोटिस जारी कर उनसे भारत में अपने ऑपरेशन के बारे में स्पष्टीकरण देने को कहा था, क्योंकि वे बिना अनुमति के काम कर रहे थे और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए आवश्यक कानूनों का पालन नहीं कर रहे थे।

एफआईयू ने आईटी मंत्रालय से यह भी सिफारिश की थी कि इन प्लेटफार्मों के यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर (यूआरएल) तक एक्सेस को ब्लॉक कर दिया जाए।

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काशिद हुसैन author

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