Milk Prices: अब सरकार की दूध की कीमतों पर नजर, तेल रहित चावल की भूसी पर मार्च तक बैन

Milk Prices: पशुचारे की कीमतों में बढ़ोतरी देश में दूध की कीमतें बढ़ने का एक प्रमुख कारण है। निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से घरेलू बाजार में उत्पाद की उपलब्धता बढ़ाने में मदद मिल सकती है, जिससे दरों पर अंकुश लगाया जा सकता है।

cattle feed de oiled rice bran

दूध की कीमतों पर लगेगी लगाम

Milk Prices: सरकार ने महंगाई पर कंट्रोल करने के लिए एक और अहम कदम उठाया है। उसने तेल रहित चावल की भूसी पर निर्यात प्रतिबंध 31 मार्च 2024 तक बढ़ा दिया गया है। सरकार इसके जरिए बढ़ती दूध की कीमतों पर लगाम कसना चाहती है। मवेशियों के चारे में करीब 25 प्रतिशत चावल की भूसी का इस्तेमाल किया जाता है। इसे देखते हुए जुलाई से चावल की भूसी के निर्यात पर रोक लगी हुई है।निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से घरेलू बाजार में उत्पाद की उपलब्धता बढ़ाने में मदद मिल सकती है, जिससे दरों पर अंकुश लगाया जा सकता है।

जुलाई से निर्यात पर प्रतिबंध

सरकार ने तेल रहित चावल की भूसी पर निर्यात जुलाई से प्रतिबंध लगा रखा है। विदेश व्यापार महानिदेशालय ने एक अधिसूचना में कहा कि तेल रहित चावल की भूसी के निर्यात पर प्रतिबंध 31 मार्च 2024 तक बढ़ा दिया गया है। एक्सपर्ट के अनुसार, पशुचारे की कीमतों में बढ़ोतरी देश में दूध की कीमतें बढ़ने का एक प्रमुख कारण है। निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से घरेलू बाजार में उत्पाद की उपलब्धता बढ़ाने में मदद मिल सकती है, जिससे दरों पर अंकुश लगाया जा सकता है।हालांकि, सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सरकार से निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा था क्योंकि इस कदम से पशु चारा और दूध की कीमतों पर न्यूनतम प्रभाव पड़ने की संभावना है। अनुमान के अनुसार, मवेशियों के चारे में करीब 25 प्रतिशत चावल की भूसी का इस्तेमाल किया जाता है।

प्याज पर पहले ही सख्ती

इसके पहले सरकार ने प्याज की कीमतों पर काबू पाने के लिए अगले साल मार्च तक इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्याज की निर्यात नीति को 31 मार्च, 2024 तक मुक्त से प्रतिबंधित श्रेणी में कर दिया गया है।राजधानी दिल्ली में स्थानीय सब्जी विक्रेता 70-80 रुपये प्रति किलोग्राम पर प्याज बेच रहे हैं। इसी तरह देश के दूसरे इलाकों में भी प्याज कीमतें 60 रुपये पार हैं। इसकी वजह से आम उपभोक्ताओं का बजट बिगड़ने लगा है।इसके पहले अक्टूबर में केंद्र सरकार ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए खुदरा बाजारों में 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बफर प्याज स्टॉक बेचने का फैसला किया था।
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