सरकार ने Copra पर बढ़ाई MSP, 10 वर्षों में हो गई डबल, नारियल किसानों को मिलेगा बेहतर रिटर्न
Copra MSP : सरकार ने 2024 सीजन के लिए खोपरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 250 और 300 रुपए बढ़ाकर 11,160 और 12,000 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया।
खोपरा पर बढ़ी एमएसपी
Copra MSP : सरकार ने बुधवार को 2024 सीजन के लिए खोपरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 250-300 रुपये बढ़ाकर 11,160-12,000 रुपये प्रति क्विंटल करने की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) की बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि विश्व स्तर पर खोपरा की कीमतों में गिरावट आई है। लेकिन मोदी सरकार ने उत्पादन लागत से कम से कम 50 प्रतिशत अधिक MSP देने का फैसला किया है। उसके बाद 2024 सीजन के लिए खोपरा MSP में 250-300 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि उचित और औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) बॉल कोपरा का MSP 250 रुपए बढ़ाकर 12,000 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि मिलिंग खोपरा का समर्थन मूल्य अगले वर्ष के लिए 300 रुपए बढ़ाकर 11,160 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
10 वर्षों में डबल हो गई खोपरा पर MSP
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इससे मिलिंग कोपरा के लिए 51.84 प्रतिशत और बॉल कोपरा के लिए 63.26 प्रतिशत का मार्जिन सुनिश्चित होगा। जो उत्पादन की अखिल भारतीय औसत लागत से 1.5 गुना से कहीं अधिक है। पिछले 10 वर्षों में सरकार ने मिलिंग खोपरा और बॉल खोपरा के लिए MSP को 2014-15 में क्रमशः 5,250 रुपए प्रति क्विंटल और 5,500 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2024-25 सीजन में 11,160 रुपए प्रति क्विंटल और 12,000 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है।
MSP से प्रोत्साहित होंगे किसान
बयान में कहा गया है कि उच्च MSP न केवल नारियल उत्पादकों के लिए बेहतर पारिश्रमिक रिटर्न सुनिश्चित करेगा बल्कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नारियल उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए खोपरा उत्पादन का विस्तार करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित भी करेगा। चालू 2023 सीजन में सरकार ने 1493 करोड़ रुपए की लागत से 1.33 लाख टन से अधिक खोपरा की रिकॉर्ड मात्रा में खरीद की है। जिससे करीब 90,000 किसानों को लाभ हुआ है। 2022 सीजन से चालू सीजन में खरीद 227 प्रतिशत बढ़ गई है।
कई तरह के किया जाता है खोपरा का इस्तेमाल
भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ लिमिटेड (NAFED) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत खोपरा और छिलके रहित नारियल की खरीद के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसियों के रूप में कार्य करना जारी रखेंगे। मिलिंग खोपरा का उपयोग तेल निकालने के लिए किया जाता है, जबकि बॉल/खाद्य खोपरा को सूखे फल के रूप में खाया जाता है और धार्मिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है। केरल और तमिलनाडु मिलियन कोपरा के प्रमुख उत्पादक हैं, जबकि बॉल कोपरा का उत्पादन मुख्य रूप से कर्नाटक में होता है।
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