सरकार खुरपका-मुंहपका रोग खत्म करने की बना रही है प्लानिंग, पशु प्रोडक्ट्स के निर्यात बढ़ाने पर जोर
Animal Husbandry: खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने पशुओं को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया। जिसमें सरकार ने आठ राज्यों में खुरपका-मुंहपका रोग (एफएमडी) खत्म करने की प्लानिंग बनाने की बात कही। इसके लिए उन्नत टीकाकरण प्रयास चल रहे हैं। इससे पशु उत्पादों के लिए निर्यात बढ़ावा मिलेगा।
पशु प्रोडक्ट का निर्यात बढ़ाने पर सरकार जोर (तस्वीर-Cava)
Animal Husbandry: सरकार पशु उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आठ राज्यों में खुरपका-मुंहपका रोग (एफएमडी) मुक्त क्षेत्र स्थापित करने की योजना बना रही है। पशुपालन एवं डेयरी विभाग की सचिव अलका उपाध्याय ने पशु संक्रामक रोगों को प्राथमिकता देने के मुद्दे पर 30 अगस्त को संपन्न कार्यशाला में इस पहल की घोषणा की। कार्यशाला का आयोजन खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने विभाग के सहयोग से किया था। उपाध्याय ने कहा कि हमने राष्ट्रीय नियंत्रण कार्यक्रम के तहत चार गंभीर बीमारियों- एफएमडी, पेस्ट डेस पेटिट्स रूमिनेंट्स, ब्रुसेलोसिस और क्लासिकल स्वाइन फीवर से निपटने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने कहा कि सरकार आठ राज्यों में एफएमडी मुक्त क्षेत्र स्थापित करने की योजना बना रही है, जहां उन्नत टीकाकरण प्रयास चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस रणनीतिक कदम से भारतीय पशु उत्पादों के लिए निर्यात अवसरों के विस्तार का मार्ग प्रशस्त होगा, जिससे देश की वैश्विक बाजार में उपस्थिति बढ़ेगी।
तीन दिवसीय कार्यशाला में गंभीरता, संक्रामकता और राष्ट्रीय महत्व जैसे कारकों के आधार पर शीर्ष 20 पशु संक्रामक रोगों की प्राथमिकता वाली सूची तैयार की गई। इस दौरान समन्वय, संचार, निगरानी और निरीक्षण, रोकथाम और नियंत्रण, चिकित्सा, तथा सामाजिक-आर्थिक और आकस्मिक योजना पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक कार्य योजना तैयार की गई। जिसमें निम्नलिखित 5 महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया: समन्वय, संचार, निगरानी और निरीक्षण, रोकथाम और नियंत्रण, रोग चिकित्सा तथा सामाजिक-आर्थिक और आकस्मिक योजना।
कार्यशाला का समापन देश भर में क्षेत्रीय स्तर पर इसी तरह के पशु रोग प्राइऑरटाइजेशन एक्सरसाइजेज की प्रतिकृति बनाने का आग्रह करते हुए कार्य करने हेतु एक जोरदार आह्वान के साथ हुआ। इस दृष्टिकोण का उद्देश्य क्षेत्र-विशिष्ट पशु रोगों को संबोधित करना है, जिससे विशिष्ट और प्रभावी रोग नियंत्रण और रोकथाम रणनीतियों को सुनिश्चित किया जा सके।
यह कार्यशाला पशु स्वास्थ्य की रक्षा हेतु देश में चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो वन हेल्थ दृष्टिकोण के प्रति एक मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सामूहिक उद्देश्य स्पष्ट है: भविष्य की पीढ़ियों के लिए जानवरों, मनुष्यों और पर्यावरण के स्वास्थ्य को सुरक्षित करना।
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