मेक इन इंडिया के बाद अब Made In India, जानें क्या है सरकार की तैयारी, दुनिया में बजेगा डंका !
Made In India: केंद्र सरकार के एक अधिकारी के अनुसार जिस तरह ‘मेड इन जापान’ या ‘मेड इन स्विट्जरलैंड’ विशिष्ट छवियों और गुणों के बारे में बताते हैं। उसी तरह भारत के लिए एक मजबूत ब्रांड पहचान बनाना है।
Made In India:सरकार वैश्विक बाजारों में ब्रांड इंडिया को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘मेड इन इंडिया’ लेबल के लिए एक योजना तैयार करने के प्रस्ताव पर चर्चा कर रही है। इसका उद्देश्य भारत के लिए एक मजबूत ब्रांड पहचान बनाना है। जैसे जिस तरह ‘मेड इन जापान’ या ‘मेड इन स्विट्जरलैंड’ जैसे ब्रांड दुनिया भर में अपनी मजबूत पकड़ बनाए हुए हैं। इसके लिए सरकार की एक एक उच्चस्तरीय समिति योजना की तैयारी कर रही है। फिलहाल भारत ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन (आईबीईएफ) है, विदेशी बाजारों में ‘मेड इन इंडिया’ लेबल के बारे में अंतरराष्ट्रीय जागरूकता को बढ़ावा देने का काम करता है।
क्या है प्लान
केंद्र सरकार के एक अधिकारी के अनुसार जिस तरह ‘मेड इन जापान’ या ‘मेड इन स्विट्जरलैंड’ विशिष्ट छवियों और गुणों के बारे में बताते हैं। उसी तरह भारत के लिए एक मजबूत ब्रांड पहचान बनाना है। जब हम स्विट्जरलैंड के बारे में सोचते हैं, तो हम अक्सर उनकी घड़ियों, चॉकलेट और बैंकिंग प्रणालियों के बारे में सोचते हैं। हम भारत के लिए ऐसा किस तरह कर सकते हैं। इसी पर पूरी तैयारी चल रही है। क्या हम शुरूआत में इस योजना को कपड़ा जैसे विशिष्ट क्षेत्रों के लिए बना सकते हैं, जहां हमारी ताकत है। इसलिए हम ऐसी चीजों पर विचार कर रहे हैं।विशेषज्ञों के अनुसार, ब्रांड इंडिया को बढ़ावा देने के लिए गुणवत्ता महत्वपूर्ण है।सरकार के पास वर्तमान में भारत ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन (आईबीईएफ) है, जो विदेशी बाजारों में ‘मेड इन इंडिया’ लेबल के बारे में अंतरराष्ट्रीय जागरूकता को बढ़ावा देने और बनाने तथा भारतीय उत्पादों और सेवाओं के बारे में ज्ञान के प्रसार को सुगम बनाने के लिए है। यह वाणिज्य विभाग द्वारा स्थापित एक ट्रस्ट है।
कैसी होनी चाहिए ब्रांड रणनीति
शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने सुझाव दिया है कि भारत की ब्रांडिंग रणनीति को तीन स्तंभों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए - उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों को ब्रांड करना; सर्वोत्तम उत्पादों से कम कीमत पर उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार करना, केवल ब्रांडिंग पर ध्यान केंद्रित न करना; और उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार के लिए कार्रवाई करना।भारत अपनी ब्रांडिंग को स्वाभाविक रूप से बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठा सकता है। लगातार उत्पाद की गुणवत्ता और विश्वसनीयता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उदाहरण के लिए, भारतीय दवा उद्योग ने उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाओं के उत्पादन के माध्यम से वैश्विक भरोसा हासिल किया है। जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, कि इस प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए भारत को घटिया उत्पादों के आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।उन्होंने कहा कि जब तक भारत किसी क्षेत्र में शीर्ष-स्तरीय उत्पादन मानकों को प्राप्त नहीं कर लेता, तब तक ब्रांडिंग को पीछे रखना चाहिए।उन्होंने यह भी कहा कि भारत ‘इंडिया क्वालिटी प्रोडक्ट’ नामक एक एकीकृत ब्रांड स्थापित कर सकता है जो उत्कृष्टता और विश्वसनीयता का संकेत देता है।
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