चुनावों से पहले पेंशन का तोहफा दे सकती है मोदी सरकार, स्कीम में बड़े बदलाव की तैयारी

Government May Announce Revised Pension Scheme: केंद्र सरकार जिस नए फॉर्मूले को तैयार कर रही है, उसके तहत कर्मचारियों को 40-50 फीसदी राशि वाली फिक्स पेंशन का ऑफर मिल सकता है। इसके तहत सरकारी कर्मचारी ने रिटायरमेंट से पहले जो आखिरी सैलरी ली है, उसके आधार पर 40-50 फीसदी रकम पेंशन के रुप में बनेगी।

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चुनाव से पहले तोहफा

Government May Announce Revised Pension Scheme: मोदी सरकार इस साल के अंत तक सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दे सकती है। इसके तहत सरकार NPS के नियमो में बड़ा बदलाव कर सकती है। जिसमें सरकारी कर्मचारियों को एक फिक्स पेंशन की गारंटी मिल जाएगी। सरकार इसके लिए आंध्र प्रदेश सरकार जैसा मॉडल को लागू करने पर विचार कर रही है। इसके तहत कर्मचारियों को 40-50 फीसदी तक फिक्स पेंशन की गारंटी मिल सकती है। अगर ऐसा होता है तो साल 2004 में पेंशन सिस्टम को खत्म करने के बाद यह बड़ा बदलाव होगा। अभी NPS में कांट्रिब्यूशन के आधार पर कर्मचारी की पेंशन बनती है। जबकि ओल्ड पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के समय कर्मचारी द्वारा ली गई आखिरी सैलरी के आधार पर 50 फीसदी राशि पेंशन के रुप में तय होती है।

इस तरह बनेगी पेंशन !

रिपोर्ट के अनुसार वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने बताया है कि केंद्र सरकार जिस नए फॉर्मूले को तैयार कर रही है, उसके तहत कर्मचारियों को 40-50 फीसदी राशि वाली फिक्स पेंशन का ऑफर मिल सकता है। इसके तहत सरकारी कर्मचारी ने रिटायरमेंट से पहले जो आखिरी सैलरी ली है, उसके आधार पर 40-50 फीसदी रकम पेंशन के रुप में बनेगी। जो कि कुछ हद तक आंध्र प्रदेश मॉडल जैसी होगी। जिसमें मार्केट लिंक व्यवस्था अपनाई गई है। फिक्स पेंशन के लिए कर्मचारी को एक तय रकम कंट्रीब्यूट करनी होगी। जबकि शेष रकम सरकार देगी, और किसी तरह के उतार-चढ़ाव की भरपाई सरकार करेगी। कर्मचारी पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि पेंशन को महंगाई से भी जोड़ा जाएगा या नहीं। आंध्र प्रदेश मॉडल में महंगाई को भी पेंशन से लिंक किया गया है।

अभी क्या है व्यवस्था

न्यू पेंशन स्कीम में ऐ कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी की 10 फीसदी और सरकार उसकी बेसिक सैलरी का 14 फीसदी राशि पेंशन फंड कांट्रिब्यूट करती है। जिसके आधार पर जमा रकम पेंशन का आधार बनती है।अगर नया प्रस्ताव लागू हो जाता है तो सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा मिल सकता है। क्योंकि अभी न्यू पेंशन स्कीम के तहत आमतौर सरकारी कर्मचारियों को उनकी आखिरी सैलरी की तुलना में औसतन 38 फीसदी राशि के बराबर पेंशन बनती है। अगर सरकार इसे 50 फीसदी तक पहुंचता है तो उनकी बल्ले-बल्ले हो जाएगी।

चुनाव में विपक्ष ने बनाया मुद्दा

ओल्ड पेंशन स्कीम चुनावों में एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन चुकी है। इसके तहत विपक्षी दलों ने भाजपा को निशाने पर लिया है और हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में कांग्रेस की जीत में ओल्ड पेंशन का बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस की सरकारों ने छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, झारखंड में ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू कर दिया है। जबकि पंजाब में आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कर दी है। विपक्षी दलों के रुख और लोगों की मांग को देखते हुए सरकार ने NPS में सुधार के लिए कमेटी के गठन का ऐलान किया था।अगर सरकार नया सिस्टम लागू करती है तो भी ओल्ड और न्यू पेंशन स्कीम में एक बड़ा अंतर बरकरार रहेगा। ओल्ड पेंशन में कर्मचारियों को अपने तरफ से कोई कांट्रिब्यूशन नहीं करना पड़ता है। जबकि न्यू पेंशन व्यवस्था में कर्मचारी को भी कांट्रिब्यूशन करना पड़ता है।

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