Onion Export : बढ़ते दबाव के बीच सरकार हटा सकती है प्याज निर्यात पर बैन, घटती कीमतों से भी मिला सपोर्ट

Onion Export : अब क्योंकि मुख्य उत्पादक क्षेत्रों में सब्जी की कीमत में काफी गिरावट आई है। साथ पिछले कुछ दिनों में प्याज की आवक बढ़ने से कीमत 1,870 रुपये से लगभग 20% गिरकर 1,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। ऐसे में सरकार प्याज पर लगे इस बैन को हटा सकती

Onion Export : केन्द्र सरकार प्याज पर लगे एक्सपोर्ट बैन को हटाने का प्लान कर रही है। इसके पहले 8 दिसंबर को भारत सरकार ने उत्पादन में गिरावट और कीमतें दोगुनी से अधिक हो जाने के बाद प्याज की कीमतों पर काबू पाने के लिए इसके निर्यात पर 31 मार्च 2024 तक के लिए रोक लगा दिया था। अब क्योंकि मुख्य उत्पादक क्षेत्रों में सब्जी की कीमत में काफी गिरावट आई है। साथ ही पिछले कुछ दिनों में प्याज की आवक बढ़ने से कीमत 1,870 रुपये से लगभग 20% गिरकर 1,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। ऐसे में सरकार प्याज पर लगे इस बैन को हटा सकती

चालू वित्त वर्ष में कितना प्याज हुआ निर्यात

चालू वित्त वर्ष में एक अप्रैल से चार अगस्त के बीच देश से 9.75 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया था। निर्यात मूल्य के लिहाज से शीर्ष तीन आयातक देश बांग्लादेश, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) हैं। खरीफ फसल सत्र में प्याज की खेती के रकबे में कमी की खबरों के बीच इसके दाम चढ़ने लगे हैं। अक्टूबर के थोक मुद्रास्फीति आंक़ड़ों के मुताबिक, सब्जियों और आलू की मुद्रास्फीति में क्रमशः 21.04 प्रतिशत और 29.27 प्रतिशत की गिरावट रही जबकि प्याज की वार्षिक मूल्यवृद्धि दर 62.60 प्रतिशत के उच्चस्तर पर बनी रही।

न्यूनतम निर्यात मूल्य भी तय कर चुकी है सरकार

सरकार ने इस साल 28 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक प्याज के निर्यात पर 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) भी तय किया था। इसके पहले अगस्त में प्याज पर 31 दिसंबर तक 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया दिया था। हालांकि, डीजीएफटी ने कहा कि अन्य देशों को उनके अनुरोध के आधार पर सरकार से मंजूरी लेकर प्याज के निर्यात की अनुमति होगी। इसके अलावा इस अधिसूचना से पहले ही लदान हो चुकी प्याज की खेप को भी निर्यात की अनुमति है। इसके अलावा अगर प्याज की खेप इस अधिसूचना के जारी पहने के पहले सीमा शुल्क को सौंप दी गई है और इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली में उसे दर्ज किया जा चुका है तो उस प्याज के निर्यात की भी अनुमति है। ऐसी खेपों को अगले साल पांच जनवरी तक निर्यात किया जा सकेगा।

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