Spectrum Auction:2G स्पेक्ट्रम नीलामी पर सुप्रीम कोर्ट क्यों गई सरकार, जानें मामला और क्या है प्लानिंग

Spectrum Auction: सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2012 के अपने फैसले में दूरसंचार स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए नीलामी को ही माध्यम बनाने का निर्देश दिया था। हालांकि उपग्रह संचार और रक्षा जैसे विशिष्ट क्षेत्रों को इसके दायरे में नहीं रखा गया था। बिना नीलामी के स्पेक्ट्रम आवंटन होने से एलन मस्क की स्टारलिंक, भारती एयरटेल के वनवेब और अमेजन की प्रोजेक्ट कुइपर जैसे अंतरिक्ष दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को काफी राहत मिल सकती है

2जी स्पेक्ट्रम नीलामी पर सुप्रीम कोर्ट गई सरकार

Spectrum Auction: 2G स्पेक्ट्रम नीलामी एक बार फिर चर्चा में हैं। असल में सुप्रीम कोर्ट में सरकार की तरह से एक याचिका दायर हुई है, जिसमें कुछ विशिष्ट क्षेत्रों को स्पेक्ट्रम आवंटन के संबंध में स्थिति स्पष्ट करने की अपील की गई है। इसमें उपग्रह संचार, रक्षा बलों और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों, मेट्रो या रेलवे संचालन के लिए नीलामी के बगैर स्पेक्ट्रम आवंटित करने को लेकर स्पष्टीकरण की मांग की गई है। जिसके बाद से सरकार पर आरोप लग रहे हैं। कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदलना चाहती है। इस मामले में सोमवार को सुनवाई होनी । जिसके बाद सरकार के सूत्रों के तरफ से कहा गया है कि विशिष्ट क्षेत्रों को किए जाने वाले स्पेक्ट्रम आवंटन में सुप्रीम कोर्ट के फैसले में किसी भी तरह के बदलाव की कोशिश नहीं की जा रही है।

बिना नीलामी के स्पेक्ट्रम आवंटन होने से एलन मस्क की स्टारलिंक, भारती एयरटेल के वनवेब और अमेजन की प्रोजेक्ट कुइपर जैसे अंतरिक्ष दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को काफी राहत मिल सकती है क्योंकि उन्हें नीलामी प्रक्रिया से गुजरे बिना स्पेक्ट्रम मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। दूरसंचार के लिए स्पेक्ट्रम की अगली नीलामी इस साल जून में होने वाली है।

क्या है मामला

सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2012 के अपने फैसले में दूरसंचार स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए नीलामी को ही माध्यम बनाने का निर्देश दिया था। हालांकि उपग्रह संचार और रक्षा जैसे विशिष्ट क्षेत्रों को इसके दायरे में नहीं रखा गया था। इसी आधार सरकार के सूत्रों का पीटीआई-भाषा से कहना है कि पिछले साल 15 दिसंबर को शीर्ष अदालत में एक अर्जी दायर कर कुछ विशिष्ट क्षेत्रों को स्पेक्ट्रम आवंटन के संबंध में स्थिति स्पष्ट करने की गुहार लगाई थी। इसमें विशिष्ट उद्देश्यों वाले क्षेत्र जैसे उपग्रह संचार, रक्षा बलों और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों, मेट्रो या रेलवे संचालन के लिए नीलामी के बगैर स्पेक्ट्रम आवंटित करने को लेकर स्पष्टीकरण देने का आग्रह किया गया था।याचिका दिसंबर के अंत में संसद में दूरसंचार विधेयक को पारित करने से पहले दायर की गई थी। यह याचिका सोमवार को सुनवाई के लिए रखी गई। नये विधेयक में 19 छूटें दी गयी हैं।

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