Wind fall Tax: सरकार ने विंडफॉल टैक्स किया जीरो, पेट्रोलियम कंपनियों को बड़ी राहत

Wind fall Tax: देश में पहली बार एक जुलाई 2022 को अप्रत्याशित लाभ पर कर लगाया था। सरकार विंडफॉल टैक्स घरेलू स्तर पर पेट्रोलियम प्रोडक्ट उत्पादन करने वाली कंपनियों की कमाई पर लगाती है। ऐसा तब होता है जब सरकार को लगता है कि कंपनियां पेट्रोल-डीजल को ज्यादा कमाई के चक्कर अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचती हैं।

कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स जीरो

Wind fall Tax:सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल के लिए अप्रत्याशित लाभ कर को घटाकर शून्य प्रति टन कर दिया है। कर की नयी दर 18 सितंबर यानी आज से प्रभावी हो गईं।कर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) के रूप में लगाया जाता है। दो सप्ताह में औसत तेल की कीमतों के आधार पर हर पखवाड़े इसे अधिसूचित किया जाता है।इससे पहले, संशोधन 31 अगस्त से प्रभावी हुआ था। उस समय कच्चे पेट्रोलियम पर अप्रत्याशित लाभ कर 1,850 रुपये प्रति टन निर्धारित किया गया था।

जुलाई 2022 में पहली बार लगा था टैक्स

मंगलवार को जारी आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, डीजल, पेट्रोल और विमान ईंधन (एटीएफ) के निर्यात पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क को शून्य कर दिया गया है। नई दरें 18 सितंबर से प्रभावी होंगी।देश में पहली बार एक जुलाई 2022 को अप्रत्याशित लाभ पर कर लगाया था। इस कदम के साथ ही भारत उन देशों की सूची में शामिल हो गया था जो ऊर्जा कंपनियों को अप्रत्याशित रूप से होने वाले लाभ पर कर लगाते हैं। सरकार विंडफॉल टैक्स घरेलू स्तर पर पेट्रोलियम प्रोडक्ट उत्पादन करने वाली कंपनियों की कमाई पर लगाती है। ऐसा तब होता है जब सरकार को लगता है कि कंपनियां पेट्रोल-डीजल को ज्यादा कमाई के चक्कर अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचती हैं।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सस्ता हो रहा है तेल

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