Old Pension Scheme:नहीं आएगी ओल्ड पेंशन स्कीम ! वित्त सचिव बोले-वित्तीय रुप से मुमकिन नहीं

OPS Vs NPS: पुरानी पेंशन व्यवस्था वित्तीय रूप से मुमकिन नहीं है। पुरानी पेंशन लाना देश के उन नागिरकों के लिए नुकसानदेह होगा, जो सरकारी नौकरी में नहीं हैं। वित्त मंत्रालय ने पिछले साल सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन योजना की समीक्षा करने और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में जरूरत के हिसाब से बदलाव का सुझाव देने के लिए वित्त सचिव की अगुवाई में एक समिति का गठन किया था।

पुरानी पेंशन व्यवस्था

OPS Vs NPS:पुरानी पेंशन व्यवस्था (OPS) अब वित्तीय रूप से मुमकिन नहीं है और इसे लाना देश के उन नागिरकों के लिए नुकसानदेह होगा, जो सरकारी नौकरी में नहीं हैं। वित्त सचिव टीवी सोमनाथन का यह बयान उन लाखों कर्मचारियों के लिए निराशाजनक है जो OPS की उम्मीद लगाए बैठक थे। हालांकि सोमनाथन ने कहा कि एनपीएस (NPS) को लेकर कर्मचारी संगठनों और राज्य सरकारों से कुछ सार्थक बातचीत हुई है। और एनपीएस पर बनी समिति का काम अभी पूरा नहीं हुआ है। हमने इस बारे में कर्मचारी संगठनों और राज्य सरकारों से बातचीत की है। इसमें कुछ प्रगति हुई है। ऐसे में अभी उसके सुझाव आने में वक्त लगेगा।

क्यों संभव नहीं

सोमनाथन ने ‘पीटीआई-भाषा’से विशेष बातचीत में कहा कि एक बात बिल्कुल साफ है कि पुरानी पेंशन व्यवस्था वित्तीय रूप से मुमकिन नहीं है। पुरानी पेंशन लाना देश के उन नागिरकों के लिए नुकसानदेह होगा, जो सरकारी नौकरी में नहीं हैं। जहां तक एनपीएस पर बनी समिति की बात है। तो उसका काम अभी पूरा नहीं हुआ है। हमने इस बारे में कर्मचारी संगठनों और राज्य सरकारों से बातचीत की है। इसमें कुछ प्रगति हुई है। कर्मचारियों की कुछ चिंताएं हैं।

  • पहला, उनका कहना है कि यह नई योजना है। एनपीएस शेयर बाजार से जुड़ा है, हमें उतार-चढ़ाव नहीं चाहिए। उनका कहना है कि यह स्पष्ट हो कि कितनी पेंशन मिलेगी।
  • दूसरा, उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद जो भी पेंशन मिले उसमें महंगाई से निपटने का भी कुछ प्रावधान यानी डीए (महंगाई भत्ता) जैसी कोई व्यवस्था चाहिए। ऐसा नहीं होने पर पेंशन का वास्तविक मूल्य घटता जाएगा।
  • तीसरा, अगर किसी ने पूरी नौकरी यानी 30 साल तक काम नहीं किया है, उसके लिए कुछ न्यूनतम पेंशन तय की जाए। ये ऐसे मामले हैं, जिस पर हमें निर्णय लेना है।
  • वित्त मंत्रालय ने पिछले साल सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन योजना की समीक्षा करने और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में जरूरत के हिसाब से बदलाव का सुझाव देने के लिए वित्त सचिव की अगुवाई में एक समिति का गठन किया था।

राज्यों के साथ मिलकर नए सुधार

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