24 Hours Electricity:अब सबको 24 घंटे बिजली की तैयारी, सरकार का दावा गांव में 22 शहर में 23.50 घंटे सप्लाई
24 Hours Electricity Supply: भारत 2024 में अधिक कोयला आधारित बिजली परियोजनाएं स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा । साल 2023 के सितंबर में बिजली की मांग 243.27 गीगावॉट के ऑलटाइम हाई पर पहुंच गई।
सबको 24 घंटे बिजली की तैयारी
24 Hours Electricity सरकार का दावा है कि पूरे भारत में शहरी क्षेत्रों में औसत बिजली आपूर्ति 23.50 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 22 घंटे है। और उसे जल्द ही 24 घंटे करने की तैयारी है। और बढ़ती इकोनॉमी और पहुंच का कमाल है कि साल 2023 के सितंबर में बिजली की मांग 243.27 गीगावॉट के ऑलटाइम हाई पर पहुंच गई। यही नहीं 20वें इलेक्ट्रिक पावर सर्वे (ईपीएस) के अनुसार, देश में अधिकतम बिजली की मांग 2031-32 में 366.39 गीगावॉट, 2036-37 में 465.53 गीगावॉट और 2041-42 में 574.68 गीगावॉट तक पहुंच जाएगी।
कैसे मिलेगी 24 घंटे बिजली
केंद्रीय बिजली तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह ने कहा है कि चौबीस घंटे बिजली आपूर्ति उपभोक्ता का अधिकार है। इसी प्रकार ऊर्जा सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है। आपने देखा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण यूरोप में क्या हुआ। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पूरे भारत में शहरी क्षेत्रों में औसत बिजली आपूर्ति 23.50 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 22 घंटे है।
ऐसे में भारत 2024 में अधिक कोयला आधारित बिजली परियोजनाएं स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा और साथ ही सभी के लिए चौबीस घंटे बिजली आपूर्ति के लक्ष्य के वास्ते नवीकरणीय उत्पादन क्षमता भी बढ़ाता रहेगा, ताकि बढ़ती भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के इस दौर में आर्थिक विस्तार और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने अगले कुछ वर्षों में 7.28 लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ 91 गीगावॉट कोयला आधारित थर्मल बिजली उत्पादन क्षमता की योजना बनाई है। मंत्रालय ने 91 गीगावॉट नई कोयला आधारित ताप विद्युत उत्पादन क्षमता की योजना बनाई है। इसमें से 27 गीगावॉट पर काम जारी है। करीब 31 गीगावॉट कोयला आधारित थर्मल क्षमता कार्यान्वयन के अंतिम चरण में है।
थर्मल पावर क्यों जरूरी
सिंह ने कहा कि कोयला आधारित थर्मल पावर क्षमता देश को किसी भी भू-राजनीतिक व्यवधान से बचाएगी और ऐसे समय में देश के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करेगी जब हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से विस्तार कर रही है।देश में बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए कोयला आधारित क्षमता वृद्धि भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सितंबर 2023 में चरम बिजली की मांग 243.27 गीगावॉट के सर्वकालिक उच्च स्तर पर थी।भारत ने करीब 426 गीगावॉट की बिजली उत्पादन क्षमता स्थापित की है, जिसमें 213 गीगावॉट से अधिक कोयला और लिग्नाइट-आधारित परियोजनाएं शामिल हैं।यह समझाते हुए कि चौबीसों घंटे बिजली आपूर्ति के लिए अकेले नवीकरणीय ऊर्जा पर्याप्त क्यों नहीं हो सकती सिंह ने कहा कि सौर ऊर्जा दिन में उपलब्ध है और हवा अलग-अलग समय पर चलती है।उन्होंने कहा कि इसी प्रकार नवीकरणीय ऊर्जा केवल ऊर्जा भंडारण के साथ चौबीसों घंटे बिजली प्रदान कर सकती है, जो वर्तमान में महंगी है।
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