3 लाख लोगों ने बैंक डूबने पर वापस लिया पैसा, आप भी कर सकते हैं ऐसा, ये है नियम

Bank Deposit Insurance Scheme: नियमों के मुताबिक बैंक ग्राहकों को 5 लाख रुपये तक का ही इंश्योरेंस मिलता है। इसके तहत बैंकों को डूबने की स्थिति में आरबीआई के नियमों के अनुसार AID में शामिल होने के 45 दिन के अंदर सभी ग्राहकों की जमाओं और कर्ज की जानकारी उपलब्ध करानी होती है। उसके बाद 90 दिन के अंदर DICGC को ग्राहकों के पैसे लौटाने पड़ते हैं।

बैंक डूबने पर मिलता है पैसा

मुख्य बातें
  • सरकार ने 15 महीने में करीब 4,005 करोड़ रुपये चुकाए हैं।
  • 35 बैंकों में कोऑपरेटिव बैंक ही प्रमुख रूप से शामिल हैं।
  • यह रकम एक सितंबर 2021 से लेकर नवंबर 2022 के दौरान लौटाई गई है।

Bank Deposit Insurance Scheme: अगर आपने किसी ऐसे बैंक में पैसा जमा कर रखा था, जो डूब गया या फिर उसकी वित्तीय हालत ऐसी हो गई है कि उसे जमा-निकासी पर प्रतिबंध लग गया है। तो आप भी अपने डूबे पैसे को निकाल सकते हैं। पिछले 15 महीने में देश के 35 बैंकों से 3 लाख लोगों ने ऐसा किया है। इसके तहत सरकार ने करीब 4 हजार करोड़ रुपये लोगों को लौटाए हैं। बैंक ग्राहकों को यह सुविधा डिपॉजिट इन्श्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन कानून (DICGC) के तहत मिलती है। इसके तहत बैंक में ग्राहकों के जमाओं पर 5 लाख रुपये इश्योरेंस की गारंटी मिलती है।

35 बैंकों से लोगों ने वापस लिए पैसे

सोमवार को वित्त राज्य मंत्री डॉ भागवत किशनराव कराड ने लोक सभा में दिए लिखित जवाब में बताया कि देश के 35 बैंकों के 3,06,146 ग्राहकों ने डिपॉजिट इन्श्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन कानून के तहत पैसा क्लेम किया है। इनके जरिए सरकार ने 4,05,510 लाख रुपये यानी 4,005 करोड़ रुपये चुकाए हैं। यह रकम एक सितंबर 2021 से लेकर नवंबर 2022 के दौरान लौटाई गई है।

इन बैंक ग्राहकों का वापस हुआ पैसा

5 लाख रुपये तक इंश्योरेंस, 90 दिन में पैसा वापस

डिपॉजिट इन्श्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन एक्ट-2021 के तहत अगर कोई बैंक डूब जाता है, तो उसके ग्राहकों को 5 लाख रुपये का इंश्योरेंस कवर मिलता है। यानी कि अगर बैंक डूब जाता है और वह ग्राहकों के रकम चुकाने में फेल हो जाता है, तो नियमों के मुताबिक ग्राहकों को 5 लाख रूपये तक की राशि वापस मिल जाती है। इसके तहत बैंकों को डूबने की स्थिति में आरबीआई के नियमों के अनुसार AID में शामिल होने के 45 दिन के अंदर सभी ग्राहकों की जमाओं और कर्ज की जानकारी उपलब्ध करानी होती है। उसके बाद 90 दिन के अंदर DICGC को ग्राहकों के पैसे लौटाने पड़ते हैं।

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