Budget 2024: हेल्थ सर्विसेज पर लगे 5 फीसदी GST,छोटे शहरों पर बढ़े फोकस-इंडस्ट्री

Budget Expectations: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश करेंगी। स्वास्थ्य जगत के लोगों ने उनसे सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यय को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 2.5 प्रतिशत तक बढ़ाने की मांग की है।

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बजट से हेल्थ सेक्टर की उम्मीदें

Budget Expectations:स्वास्थ्य सेवा उद्योग निकाय नैटहेल्थ ने सरकार से सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यय को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 2.5 प्रतिशत तक बढ़ाने की मांग की है। इसके अलावा निकाय ने स्वास्थ्य सेवा के लिए माल एवं सेवा कर (GST) की एक समान पांच प्रतिशत की दर लागू करने का भी सुझाव दिया है। इसके अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों ने आयुर्वेदिक क्षेत्र के विस्तार के लिए स्थायी कर प्रोत्साहन प्रदान करने वाली नीतियों को लागू करने की मांग की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश करेंगी।

हेल्थ सेक्टर के लिए उठाएं ये कदम

नैटहेल्थ के अध्यक्ष एवं मैक्स हेल्थकेयर इंस्टिट्यूट के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक अभय सोई ने कहा कि जैसे-जैसे राष्ट्र 5,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है, संपूर्ण आबादी के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना जरूरी है।सोई ने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल चुनौतियों से निपटने के लिए अनुमानतः दो अरब वर्ग फुट में उन्नत स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचा विकसित करने की आवश्यकता होगी।इन जरूरतों को पूरा करने के लिए... स्वास्थ्य सेवा पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) व्यय को 2.5 प्रतिशत तक बढ़ाना, सामाजिक बीमा को बढ़ाना, छोट व मझोले शहरों में सुविधाओं का विस्तार और डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को उन्नत करना महत्वपूर्ण है।

GST में हो बदलाव

नैटहेल्थ ने अपनी सिफारिशों में, स्वास्थ्य सेवा के लिए एक समान पांच प्रतिशत दर और पूर्ण इनपुट टैक्स क्रेडिट पात्रता के साथ जीएसटी को युक्तिसंगत बनाने, अप्रयुक्त MAT क्रेडिट के मामले की समीक्षा करने को कहा है।

जगत फार्मा के निदेशक डॉ. मंदीप सिंह बासु ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि सरकार आयुर्वेदिक क्षेत्र के विस्तार का समर्थन करने के लिए स्थायी कर प्रोत्साहन प्रदान करने वाली नीतियों को लागू करेगी। उन्होंने कहा कि हमें एक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने और नीतियां बनाने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है जो उद्योग का समर्थन करें।

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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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