70 लाख मोबाइल नंबर से चल रहा था साइबर फ्रॉड का खेल, 900 करोड़ के हेर-फेर पर थी नजर

Government Suspend 70 Lakhs Mobile Number : साइबर अपराध और फाइनेंशियल फ्रॉड में शामिल 70 लाख मोबाइल कनेक्शन अब तक काट दिए गए हैं।एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि धोखाधड़ी के लगभग 900 करोड़ रुपये बचाए गए हैं।

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सरकार की सख्त कार्रवाई

Government Suspend 70 Lakhs Mobile Number To Control Fraud:सरकार ने डिजिटल धोखाधड़ी पर रोक लगाने के मकसद से साइबर अपराध या वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल 70 लाख मोबाइल नंबर निलंबित कर दिए हैं। और करीब 900 करोड़ रुपये के फ्रॉड को रोका गया है। बढ़ते साइबर फ्रॉड को देखते हुए सरकार आने वाले समय में निगरानी बढ़ाने से लेकर दूसरे कई सख्त कदम उठाने की तैयारी में है। इसके लिए साइबर धोखाधड़ी को रोकने के लिए विभिन्न एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय करने पर खास तौर से जोर रहेगा।

3.5 लाख लोगों को फायदा

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को कहा कि वित्तीय साइबर सुरक्षा और बढ़ते डिजिटल भुगतान धोखाधड़ी से संबंधित मुद्दों पर एक बैठक के बाद बताया कि बैंकों को इस संबंध में व्यवस्था और प्रक्रियाओं को मजबूत करने के लिए कहा गया है। डिजिटल इंटेलिजेंस मंचों के माध्यम से दर्ज साइबर अपराध और फाइनेंशियल फ्रॉड में शामिल 70 लाख मोबाइल कनेक्शन अब तक काट दिए गए हैं।एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि धोखाधड़ी के लगभग 900 करोड़ रुपये बचाए गए हैं, जिससे 3.5 लाख पीड़ितों को लाभ हुआ है।

केवाईसी मानकों की समीक्षा

बैठक में व्यापारियों के केवाईसी मानकीकरण के संबंध में भी चर्चा हुई। जोशी ने कहा कि भोले-भाले ग्राहकों को ठगे जाने से बचाने के लिए समाज में साइबर धोखाधड़ी के बारे में जागरूकता पैदा करने की जरूरत है। बैठक के दौरान, गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आईसी4) ने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) में रिपोर्ट किए गए डिजिटल भुगतान धोखाधड़ी के नवीनतम आंकड़ों, इन वित्तीय धोखाधड़ी के विभिन्न स्रोतों, धोखेबाजों के तौर-तरीकों, वित्तीय साइबर अपराधों का मुकाबला करने के लिए आने वाली चुनौतियों पर एक प्रस्तुति दी।इसके अलावा, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के प्रतिनिधियों ने एसबीआई द्वारा कार्यान्वित प्रोएक्टिव रिस्क मॉनिटरिंग (पीआरएम) रणनीति पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी। इसके अलावा, पेटीएम और रेजरपे प्रतिनिधियों ने भी इस दिशा में उठाये गये कदमों को साझा किया।
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