IDBI Bank: IDBI Bank के विनिवेश में सरकार ने बढ़ाया एक और कदम, संभावित खरीदारों को होम मिनिस्ट्री से मिला सिक्योरिटी क्लीयरेंस

IDBI Bank Disinvestment: जनवरी, 2023 में निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने कहा था कि उसे आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी की खरीद के लिए कई लेटर ऑफ इंटेरेस्ट (ईओआई) मिले हैं। ईओआई के जरिए निवेश की इच्छा रखने वाले बोलीदाताओं को दो तरह की मंजूरी लेनी होगी।

IDBI Bank Disinvestment

IDBI Bank का विनिवेश

मुख्य बातें
  • आगे बढ़ा IDBI Bank के विनिवेश का मामला
  • होम मिनिस्ट्री ने दी सिक्योरिटी क्लीयरेंस
  • संभावित खरीदारों को दिया क्लीयरेंस

IDBI Bank Disinvestment: आईडीबीआई बैंक में निवेश की की इच्छा रखने बोलीदाताओं को गृह मंत्रालय से जरूरी सिक्योरिटी क्लीयरेंस मिल गई है और इस बारे में जल्द ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से भी मंजूरी मिलने की उम्मीद है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। सरकार सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी के साथ मिलकर आईडीबीआई बैंक में करीब 61 प्रतिशत हिस्सेदारी को बेचने की तैयारी में है। इस दौरान केंद्र सरकार की 30.48 प्रतिशत और एलआईसी की 30.24 प्रतिशत हिस्सेदारी को बेचा जाएगा।

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दो तरह की मंजूरी लेना जरूरी

जनवरी, 2023 में निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने कहा था कि उसे आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी की खरीद के लिए कई लेटर ऑफ इंटेरेस्ट (ईओआई) मिले हैं। ईओआई के जरिए निवेश की इच्छा रखने वाले बोलीदाताओं को दो तरह की मंजूरी लेनी होगी।

उन्हें गृह मंत्रालय से सिक्योरिटी क्लीयरेंस और आरबीआई से ‘उपयुक्त और उचित’ मानदंडों को पूरा करने की मंजूरी लेनी होगी।

जल्द मिलेगी आरबीआई की मंजूरी

आरबीआई करीब डेढ़ साल से अधिक समय से संभावित निवेशकों की तरफ से पेश की गई डिटेल की जांच कर रहा है। इसकी वजह से आईडीबीआई बैंक का प्राइवेटाइजेशन तय डेडलाइन से आगे बढ़ गया है। सरकारी अधिकारी के अनुसार संभावित बोलीदाताओं के लिए सिक्योरिटी क्लीयरेंस पहले ही आ चुकी है। आरबीआई से भी जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

RBI से मंजूरी मिलने के बाद क्या होगा

अधिकारी ने कहा कि जरूरी मंजूरी मिलने के बाद निवेशकों को डेटा रूम तक एक्सेस मिलेगा और पड़ताल की प्रोसेस शुरू की जाएगी। सरकार और एलआईसी के पास आईडीबीआई बैंक में मिलाकर कुल 94.72 प्रतिशत हिस्सेदारी है। लेकिन हिस्सेदारी की बिक्री के बाद यह घटकर 34 प्रतिशत रह जाएगी।

सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश एवं परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण से 50,000 करोड़ रुपये जुटाने का बजटीय लक्ष्य रखा है। (इनपुट - भाषा)

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काशिद हुसैन author

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