Onion Prices: सरकार बफर स्टॉक के लिए खरीदेगी प्याज, किसानों को राहत देने और कीमतें कंट्रोल करने पर नजर

Onion Prices: इस साल सरकार ने 5.10 लाख टन प्याज की खरीद की है तथा लगभग दो लाख टन खरीफ प्याज फसल की और खरीद की जाएगी। आमतौर पर सरकार रबी प्याज के लंबे समय तक खराब न होने की गुणवत्ता को देखते हुए इसकी खरीद करती है।

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प्याज ने बढ़ाई चिंता

Onion Prices: निर्यात पर प्रतिबंध के खिलाफ महाराष्ट्र में प्याज किसानों के विरोध को देखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार सभी मंडियों से अपने बफर स्टॉक के लिए करीब दो लाख टन खरीफ प्याज फसल खरीदेगी।खरीद यह सुनिश्चित करेगी कि घरेलू थोक दरें स्थिर रहें और प्रतिबंध के कारण तेज गिरावट न आये। दूसरी ओर, सरकार ने कहा कि बफर स्टॉक का इस्तेमाल खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए किया जाएगा। इसके पहले प्याज की उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए केंद्र ने आठ दिसंबर को अगले साल 31 मार्च तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके चलते महाराष्ट्र के नासिक जिले में प्याज किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि ऐसा पहली बार होगा जब सरकार खरीफ सीजन में प्याज की सरकारी खरीद करेगी। आम तौर पर रबी सीजन की फसल की खरीदारी होती है।

क्या है तैयारी
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि निर्यात प्रतिबंध का किसानों पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि सरकारी खरीद जारी है। इस साल अब तक हमने 5.10 लाख टन प्याज की खरीद की है तथा लगभग दो लाख टन खरीफ प्याज फसल की और खरीद की जायेगी।आमतौर पर सरकार रबी प्याज के लंबे समय तक खराब न होने की गुणवत्ता को देखते हुए इसकी खरीद करती है। हालांकि, पहली बार सरकार किसानों के हितों की रक्षा करने और खुदरा बाजारों में कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए खरीफ प्याज फसल की खरीद करेगी।सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बफर स्टॉक का लक्ष्य बढ़ाकर सात लाख टन कर दिया है, जबकि पिछले साल वास्तविक स्टॉक तीन लाख टन का ही था।सिंह के अनुसार, बफर स्टॉक के लिए किसानों से लगभग 5.10 लाख टन प्याज खरीदा गया है, जिसमें से 2.73 लाख टन का बाजार हस्तक्षेप के तहत थोक मंडियों में निपटान किया गया है।

उत्पादन गिरने से बिगड़े हालात

उन्होंने कहा कि पिछले 50 दिन में 218 शहरों में खुदरा बाजार में लगभग 20,718 टन प्याज रियायती दरों पर बेचा गया, जबकि खुदरा बिक्री अब भी जारी है।कुमार ने कहा कि बाजार में हस्तक्षेप जारी रहेगा क्योंकि वर्ष 2023 का खरीफ उत्पादन थोड़ा कम होने की उम्मीद है और मौसम के कारण फसल की आवक में भी देरी हो रही है।थोक और खुदरा बाजारों में 5.10 लाख टन बफर प्याज के निपटान के बाद सरकार के पास एक लाख टन प्याज का स्टॉक बचा है।
सिंह ने कहा कि रबी की अच्छी फसल के कारण इस साल जून तक प्याज की कीमतें नियंत्रण में थीं। हालांकि, जुलाई के बाद, जब प्याज का मौसम नहीं होने के दौरान भंडारित प्याज की खपत की जाती है, तो रबी प्याज की गुणवत्ता और देर से हुई खरीफ बुवाई पर चिंताओं के कारण कीमतें बढ़ने लगीं। उन्होंने कहा कि प्याज की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमतें आठ दिसंबर को घटकर 56 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई हैं, जो आठ नवंबर को 59.5 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि खरीफ की फसल में देरी, मौसम संबंधी समस्याओं के कारण खरीफ उत्पादन प्रभावित हुआ, तुर्की और मिस्र द्वारा लगाए गए निर्यात प्रतिबंध के कारण वैश्विक आपूर्ति में बाधा आई।
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