SEZ: सेज में नई जान फूंकने की तैयारी, मोदी सरकार अहम बदलाव करने की तैयारी में

SEZ Revival: वित्त वर्ष 2023-24 में एसईजेड से निर्यात चार प्रतिशत से अधिक बढ़कर 163.7 अरब डॉलर रहा। लेकिन सरकार को लगता है कि घरेलू बाजार और सेज में बेहतर कोऑर्डिनेशन नहीं होने से एक नए सिरे से कवायद की जरूरत है। जिससे सेज का इकोनॉमी में योगदान बढ़ सके।

सेज में रिवाइवल की कवायद

SEZ Revival:वाणिज्य मंत्रालय ने विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) में नई जान डालने की कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत एसईजेड एवं घरेलू बाजार के बीच कारोबारी लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए प्रस्तावित कदमों पर विभिन्न विभागों के विचार आमंत्रित किए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय ने कच्चे माल पर मिले शुल्क लाभ पर एसईजेड में निर्मित उत्पादों की घरेलू बाजार में बिक्री की अनुमति देने का सुझाव दिया है क्योंकि इससे मूल्य-वर्धन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। इसके पहले वित्त वर्ष 2023-24 में एसईजेड से निर्यात चार प्रतिशत से अधिक बढ़कर 163.7 अरब डॉलर रहा।

क्यों पड़ी नए सिरे से जान फूंकने की जरूरत

अधिकारी ने बताया कि एसईजेड में मुख्य मुद्दा यह है कि हम बड़े आकार की अर्थव्यवस्था हासिल नहीं कर पा रहे हैं। घरेलू शुल्क क्षेत्र (डीटीए) यानी घरेलू बाजार और एसईजेड के बीच संपर्क में सुधार किया जाना चाहिए। अगर घरेलू बाजार एसईजेड को बेच रहा है तो भी कुछ मुद्दे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए हमने शुल्क में छूट के आधार पर बिक्री का सुझाव दिया है। इसके अलावा बाहर से कराए जाने वाले काम (जॉब वर्क) के संबंध में भी कुछ मुद्दे हैं। हमने इस बारे में मंत्रिमंडल को एक मसौदा प्रस्ताव भेजा है।

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