Bharat Atta And Rice: सरकार फिर बेचेगी 'भारत' ब्रांड के तहत सस्ता आटा और चावल, जानें कितना होगा रेट
Bharat Atta And Rice: नए प्राइसिंग स्ट्रक्चर के तहत गेहूं का आटा 5 और 10 किलोग्राम के पैक में 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से उपलब्ध होगा, जबकि चावल 34 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचा जाएगा। पहले चरण की दरें क्रमशः 27.5 रुपये और 29 रुपये थीं। इनमें मामूली वृद्धि की गई है।
सरकार बेचेगी सस्ता आटा-चावल
- सरकार बेचेगी आटा-चावल
- सस्ते रेट पर होंगे उपलब्ध
- भारत ब्रांड के तहत होगी बिक्री
Bharat Atta And Rice: सरकार ने उपभोक्ताओं को ऊंची कीमतों से राहत देने के लिए रियायती दर पर 'भारत' ब्रांड के तहत गेहूं के आटे और चावल की रिटेल बिक्री के दूसरे चरण की मंगलवार को शुरुआत की। सहकारी समितियों भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ), भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नाफेड) और केन्द्रीय भंडार और ई-कॉमर्स मंच के जरिए गेहूं का आटा 30 रुपये प्रति किलोग्राम और चावल 34 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से 5 और 10 किलोग्राम के पैकेट में बेचा जाएगा।
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‘मोबाइल वैन’ को दिखाई हरी झंडी
खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने इन सहकारी समितियों की ‘मोबाइल वैन’ को हरी झंडी दिखाने के बाद कहा, ‘‘यह उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए एक अस्थायी हस्तक्षेप है।’’ सरकार ने प्राइस स्टैबलाइजेशन फंड के तहत दूसरे चरण में रिटेल हस्तक्षेप के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से 3.69 लाख टन गेहूं और 2.91 लाख टन चावल आवंटित किया है।
जोशी ने कहा, ‘‘ यह तब तक जारी रहेगा जब तक आवंटित भंडार समाप्त नहीं हो जाता। यदि और अधिक की आवश्यकता होगी तो हमारे पास पर्याप्त भंडार है और हम पुनः आवंटन करेंगे।’’
कीमतों में हुई मामूली बढ़ोतरी
नए प्राइसिंग स्ट्रक्चर के तहत गेहूं का आटा 5 और 10 किलोग्राम के पैक में 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से उपलब्ध होगा, जबकि चावल 34 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचा जाएगा। पहले चरण की दरें क्रमशः 27.5 रुपये और 29 रुपये थीं। इनमें मामूली वृद्धि की गई है।
पहले चरण में चावल की कम बिक्री पर जोशी ने कहा कि सरकार का मकसद कारोबार करना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा उद्देश्य उपभोक्ताओं को राहत देना और बाजार में कीमतों को नियंत्रित करना है।’’
काफी हद तक कंट्रोल में हैं कीमतें
मंत्री ने कहा कि यदि मांग की गई तो सरकार छोटे साइज के पैकट लाने पर विचार करेगी। जोशी ने चावल के सरप्लस भंडार के बावजूद कीमतों में स्थिरता को समझने के लिए एक अध्ययन का आह्वान किया।
हालांकि, उन्होंने कहा कि कीमतें ‘‘ काफी हद तक नियंत्रण में’’ हैं, केवल सामान्य क्वालिटी वाली किस्मों में मामूली उतार-चढ़ाव है।
कितना आटा और चावल बिका
पहले चरण में अक्टूबर, 2023 से 30 जून, 2024 तक 15.20 लाख टन गेहूं का आटा और 14.58 लाख टन चावल का वितरण किया गया था। जोशी ने भरोसा दिलाया कि भविष्य में जरूरत पड़ने पर हस्तक्षेप के लिए पर्याप्त भंडार उपलब्ध रहेगा। (इनपुट - भाषा)
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