Smishing Attack: सरकार ने चेताया- स्मिशिंग अटैक से रहें सावधान, खाली हो सकता है बैंक अकाउंट, जानें ये क्या नई बला

Smishing Attack: इन दिनों स्मिशिंग अटैक बढ़ते जा रहे हैं। भारत सरकार ने इस ऑनलाइन धोखाधड़ी के बारे मे चेताया है। आइए जानते हैं यह धोखाधड़ी कैसे होता है और इससे कैसे बचें।

स्मिशिंग अटैक को लेकर सरकार ने किया सावधान

Smishing Attack: भारत सरकार ने 'स्मिशिंग' नामक एक नए स्कैम के प्रति लोगों के चेताया है। जो एसएमएस और फिशिंग (Phishing) का मिला जुला रूप है। यह गोपनीय जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको धोखा देने के लिए भ्रामक ट्रिक का उपयोग करता है। जैसे-जैसे मोबाइल फोन पर निर्भरता बढ़ती जा रही है स्मिशिंग एक महत्वपूर्ण खतरा बनकर उभरा है। जिसके लिए लोगों को सतर्क रहने जरुरत है। स्मिशिंग स्कैम अक्सर बैंकों, सरकारी एजेंसियों या प्रसिद्ध ब्रांडों जैसे विश्वसनीय स्रोतों से वैध कम्युनिकेशन के रूप में सामने आते हैं। ये इस तरह के मैसेज होते हैं जिसे लोग सच मानकर उसका उत्तर देने के लिए मजबूर हो जाते हैं। वे सेक्युरिटी वेरिफिकेशन या अकाउंट अपडेट की आड़ में क्रेडिट कार्ड नंबर, लॉगिन क्रेडेंशियल, सोशल सेक्युरिटी डिटेल जैसी व्यक्तिगत जानकारी मांगते हैं। अगर आप भी अनजाने में स्मिशिंग का शिकार हो जाते हैं तो आप ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने के लिए 1930 डायल कर सकते हैं। cybercrime.gov.in पर किसी भी साइबर अपराध की रिपोर्ट कर सकते हैं। लेकिन इससे बेहतर है कि संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने या टेक्स्ट मैसेज पर व्यक्तिगत जानकारी शेयर करने से बचें।

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Smishing ऐसे काम करता है?

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धोखेबाज बैंक, क्रेडिट कार्ड कंपनियों या यहां तक कि सरकारी एजेंसियों जैसे वैध स्रोतों से आने वाले छिपे हुए टेक्स्ट मैसेज भेजते हैं। इन मैसेजों में अक्सर एक लिंक होता है जो कथित मैसेज भेजने वाला वास्तविक वेबसाइट के समान दिखने वाली एक नकली वेबसाइट की ओर ले जाता है। जब व्यक्ति नकली वेबसाइट पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी (पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड डिटेल) दर्ज करते हैं तो धोखेबाज इसे चुरा लेते हैं। कुछ मामलों में टेक्स्ट मैसेज में दुर्भावनापूर्ण अटैचमेंट हो सकता है। ऐसे अटैचमेंट खोलने से आपके डिवाइस पर मैलवेयर इंस्टॉल हो सकता है।

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