त्योहारों में नहीं चलेगी कालाबाजारी,गेहूं-चीनी-खाने के तेल पर सरकार कसेगी लगाम,लेकिन चावल कर रहा है परेशान
Food Prices And Inflation: देश में वर्तमान में 37 लाख टन खाद्य तेलों का आयात किया गया है, जो पिछले साल के 27 लाख टन से अधिक है।कम वैश्विक कीमतों का फायदा उठाते हुए उद्योग ने इस साल रिकॉर्ड खाद्य तेल का आयात किया है।
त्योहारो में नहीं बिगड़ेगा बजट !
Food Prices And Inflation: त्योहारों के दौरान खाने -पीने की चीजों की किल्लत न हो और कारोबारी जमाखोरी कर मुनाफा न कमा पाएं, इसके लिए सरकार ने बड़ी तैयारी कर ली है। सरकार का कहना है कि देश में गेहूं, चावल, चीनी, खाद्य तेल जैसी जरूरी खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति पर्याप्त है और सरकार काला बाजारी करने वालों पर कड़ी नजर रख रही है। इससे आगामी त्योहारों के दौरान इन खाद्य वस्तुओं की खुदरा कीमतें काबू में रहेंगी। हालांकि चावल की बढ़ती कीमतें सरकार के लिए चिंता का विषय बन गई हैं।
देश में पर्याप्त भंडार
बृहस्पतिवार को खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि देश में गेहूं, चावल, चीनी, खाद्य तेल जैसी जरूरी खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति पर्याप्त है और सरकार काला बाजारी करने वालों पर कड़ी नजर रख रही है। इससे आगामी त्योहारों के दौरान इन खाद्य वस्तुओं की खुदरा कीमतें काबू में रहेंगी। चोपड़ा ने कहा कि इसीलिए मेरा आकलन यह है कि चाहे चावल हो या फिर गेहूं या चीनी अथवा खाद्य तेल, आगामी त्योहारों के दौरान इनके दाम बढ़ने की आशंका नहीं है।उन्होंने कहा कि जब भी जरूरत पड़ती है, सरकार जरूरी कदम उठाती है। उदाहरण के लिये, कीमतों में तेजी के बीच तत्काल प्रभाव से व्यापारियों, थोक और बड़े खुदरा विक्रेताओं के लिये भंडार सीमा को घटाकर 2,000 टन किया गया है।देश में गेहूं, चावल, चीनी और खाद्य तेलों की आपूर्ति पर्याप्त है।
चीनी को लेकर अफवाहों पर मत ध्यान दें
चीनी के बारे में उन्होंने कहा कि हालांकि इसकी कीमतें स्थिर बनी हुई हैं, लेकिन अगस्त में कम मानसूनी बारिश के कारण कमी की आशंका को लेकर अफवाह के कारण हाल में कुछ जगह कीमतों में तेजी आई है।चोपड़ा ने कहा कि देश में 85 लाख टन का पर्याप्त चीनी भंडार है। यह साढ़े तीन महीने की जरूरतों को पूरा करने के लिये पर्याप्त है। खाद्य सचिव ने कहा कि सरकार त्योहारों को लेकर पर्याप्त रूप से तैयार है। सरकार ने 25 लाख टन चीनी जारी की है। अगस्त में दो लाख टन अतिरिक्त चीनी जारी की गई है।उन्होंने कहा कि मोटे तौर पर चीनी की उपलब्धता अच्छी है। सरकार इस साल गन्ना उत्पादन में गिरावट को लेकर उद्योग संगठन भारतीय चीनी मिल संघ (इसमा) की आशंका से सहमत नहीं है। इसका कारण यह है कि इस महीने की शुरुआत में कर्नाटक और महाराष्ट्र में अच्छी बारिश हुई है और हमें उम्मीद है कि इससे गन्ने का उत्पादन बेहतर रहेगा।
चावल चिंता का विषय
गेहूं के बारे में सचिव ने कहा कि देश में इसका पर्याप्त भंडार है और खुदरा कीमतें वर्तमान में औसतन 30 रुपये प्रति किलो पर स्थिर है।उन्होंने कहा कि सरकार ने जमाखोरी पर अंकुश लगाने और कीमतों को काबू में रखने के लिये व्यापारियों, थोक और बड़े खुदरा विक्रेताओं पर भंडार सीमा को और कम कर दिया है।चोपड़ा ने कहा कि 31 अगस्त की स्थिति के अनुसार, सरकार के पास 255 लाख टन गेहूं का भंडार था, जबकि जरूरत 202 लाख टन की है। परिस्थिति के अनुसार सरकार खुले बाजार में गेहूं की आक्रामक तरीके से बिक्री की जा सकती है।
चावल के बारे में उन्होंने कहा कि इसके दाम में 10 प्रतिशत वृद्धि को लेकर हम चिंतित हैं। कीमत वृद्धि का कारण नकारात्मक धारणा है, जो कुछ लोग बना रहे हैं। यह कहा जा रहा है कि इस साल मानसून इतना अच्छा नहीं रहा है और चावल का उत्पादन प्रभावित होने वाला है।सचिव ने कहा कि यह सिर्फ कुछ लोगों की तरफ से नकारात्मक रूप से पैदा की जा रही धारणा है। चोपड़ा ने खाद्य तेल के बारे में कहा कि देश में वर्तमान में 37 लाख टन खाद्य तेलों का आयात किया गया है, जो पिछले साल के 27 लाख टन से अधिक है।कम वैश्विक कीमतों का फायदा उठाते हुए उद्योग ने इस साल रिकॉर्ड खाद्य तेल का आयात किया है।उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर हमारे पास अतिरिक्त भंडार है और परिणामस्वरूप, आने वाले दिनों में किसी प्रकार कमी या कीमतों में वृद्धि की आशंका नहीं है।
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