अब सरकार नहीं बेचेगी पवन हंस कंपनी, इस विवाद के बाद लिया फैसला

Govt Calls of Strategic Sale of Pawan Hans: सरकार ने बीते वर्ष अप्रैल में हेलिकॉप्टर सेवाएं देने वाली पवन हंस को स्टार9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड के समूह को 211.40 करोड़ रुपये में बेचने का फैसला किया था। इस समूह में बिग चार्टर प्राइवेट लिमिटेड, महाराजा एविएशन प्राइवेट लिमिटेड और अल्मास ग्लोबल ऑपर्च्यूनिटी फंड एसपीसी शामिल हैं।

पवन हंस का विनिवेश टला

Govt Calls of Strategic Sale of Pawan Hans:सरकार ने हेलिकॉप्टर सेवा देने वाली कंपनी पवन हंस के विनिवेश की प्रक्रिया निरस्त कर दी है। इसकी सफल बोली लगाने वाले समूह स्टार9 मोबिलिटी पर लंबित कानूनी मामले और उसे अयोग्य घोषित किए जाने के बाद यह कदम उठाया है।पवन हंस सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी का एक संयुक्त उपक्रम है। इसमें सरकार के पास 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि बाकी हिस्सेदारी ओएनजीसी के पास है।

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211 करोड़ में बेचने पर लगी थी मुहर

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सरकार ने बीते वर्ष अप्रैल में हेलिकॉप्टर सेवाएं देने वाली पवन हंस को स्टार9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड के समूह को 211.40 करोड़ रुपये में बेचने का फैसला किया था। इस समूह में बिग चार्टर प्राइवेट लिमिटेड, महाराजा एविएशन प्राइवेट लिमिटेड और अल्मास ग्लोबल ऑपर्च्यूनिटी फंड एसपीसी शामिल हैं।हालांकि, इस साल मई में इस समूह की प्रमुख साझेदार अल्मास ग्लोबल ऑपर्च्यूनिटी के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में मामला विचाराधीन होने का तथ्य सामने आने के बाद इस बिक्री प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया था।

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