मेडिकल स्टोर खोलने के लिए सरकार देगी 2.5 लाख रु, हर दवा पर होगी 20 फीसदी कमाई
यदि आप मेडिकल स्टोर खोलना चाहते हैं तो सरकारी योजना आपके काम आ सकती है। आप जन औषधि केंद्र खोल सकते हैं। इसके लिए ऑनलाइन-ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन किया जा सकता है।
जन औषधि केंद्र खोलने के लिए सरकार देगी 2.5 लाख रु
- बहुत आसान है जन औषधि केंद्र खोलना
- 120 वर्ग फीट जगह की होगी जरूरत
- दवाओं की बिक्री पर कमीशन से होती है कमाई
कैसे करें अप्लाई
जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए यदि आप आवेदन करना चाहते हैं तो इसके ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके हैं। आप इस लिंक http://janaushadhi.gov.in/online_registration.aspx पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस लिंक पर आपको देश के हर राज्य के हर उस जिले की लिस्ट भी दिख जाएगी, जहां जन औषधि केंद्र नहीं खुला है। यदि आप ऑफलाइन आवेदन करना चाहते हैं तो एप्लिकेशन फॉर्म https://janaushadhi.gov.in/ से डाउनलोड करके इसे महाप्रबंधक (ए एंड एफ), ब्यूरो ऑफ फार्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया (बीपीपीआई) को भेज सकते हैं।
कितना आएगा खर्च
जनऔषधि केंद्र खोलने की सारी जानकारी आपको इस लिंक http://janaushadhi.gov.in/pdf/NGO_PMBJP.pdf पर मिल सकती है। जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर करने के लिए आवश्यक निवेश के अलावा, आवेदक को हर समय सभी प्रोडक्ट्स को स्टोर में उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त निवेश करना होगा। ब्यूरो ऑफ फार्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स ऑफ इंडिया (बीपीपीआई) 2.50 लाख रुपये तक की वन-टाइम फाइनेंशियल सहायत प्रदान करेगा जहां सरकारी अस्पताल परिसर में राज्य सरकार मुफ्त में जगह उपलब्ध कराएगी।
कैसे होगी कमाई
बात करें कमाई तो इनकम दवाओं की प्रति माह बिक्री पर आधारित होगी। जैसे कि यदि आप 1 लाख रुपये की दवाएं बेच पाते हैं तो आपको 20,000 रुपये की इनकम होगी। दरअसल दवाओं की बिक्री पर 20% की कमीशन दी जाएगी। शुरुआत में एक और बेनेफिट दिया जाता है। आपको मासिक बिक्री पर सीधे 15 फीसदी का इंसेंटिव भी मिलेगा। इस तरह 1 लाख रुपये की मासिक बिक्री पर आप 30,000 रुपये कमाएंगे।
लाइसेंस की होगी जरूरत
जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आपके पास कम से कम 120 वर्ग फीट जगह की जरूरत होगी। ये जगह आपकी अपनी हो या फिर किराए पर ली हुई भी हो सकती है। दूसरी जरूरत है लाइसेंस की। आपके पास जनऔषधि केंद्र के नाम से रिटेल मेडिसिन बिक्री का लाइसेंस होना चाहिए। इसके साथ ही आपको पैन कार्ड, आधार कार्ड की जरूरत होगी। यदि कोई एनजीओ, हॉस्पिटल या चेरिटेबल ट्रस्ट जनऔषधि केंद्र खोलना चाहे तो उसे रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट्स भी लगाने होंगे।
इन लोगों को मिलेगी खास मदद
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/दिव्यांग जैसे कमजोर वर्गों के आवेदकों को 50 हजार रु की दवाइयां एडवांस में मिल सकती हैं। ये दवाइयां 2.5 लाख रु के इंसेंटिव में ही दी जाएंगी, जो हर महीने की सेल्स के 15 फीसदी (अधिकतम 10000 रु) के तौर पर दिया जाएगा।
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