HPCL पर अब सरकार का होगा डायरेक्ट कंट्रोल, नुकसान के बाद फिर से 51% शेयर की बनेगी मालिक
Hindustan Petroleum Corporation: केंद्र सरकार हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी खरीदने जा रही है। सरकार ये कदम एचपीसीएल में अपनी पूरी 51.1 फीसदी हिस्सेदारी ओएनजीसी को 36,915 करोड़ रु में बेचने के फैसले के पांच साल बाद उठाने जा रही है।
HPCL पर अब सरकार का होगा डायरेक्ट कंट्रोल
- सरकार करेगी एचपीसीएल में निवेश
- राइट्स इश्यू के जरिए किया जाएगा निवेश
- 10000 करोड़ रु का हो सकता है निवेश
Hindustan Petroleum Corporation: केंद्र सरकार हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी खरीदने जा रही है। सरकार ये कदम एचपीसीएल में अपनी पूरी 51.1 फीसदी हिस्सेदारी ओएनजीसी (ONGC) को 36,915 करोड़ रु में बेचने के फैसले के पांच साल बाद उठाने जा रही है, जो कि सरकार के विनिवेश (Disinvestment) कार्यक्रम का हिस्सा था। ओएनजीसी को हिस्सेदारी बेचने के बाद भी सरकार ने इसी के जरिए एचपीसीएल पर इनडायरेक्ट कंट्रोल बनाए रखा। गौरतलब है कि ओएनजीसी भी सरकारी कंपनी है।
इनडायरेक्ट कंट्रोल के कारण ही तीनों सरकारी फ्यूल रिटेल कंपनियों आईओसी (IOC), बीपीसीएल (BPCL) और एचपीसीएल (HPCL) ने रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के कारण ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी का बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डालने का फैसला किया।
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फ्यूल रिटेलर्स को नुकसान
अधिकारियों ने बताया कि फ्यूल रिटेलर्स को पिछले साल रियायती दरों पर पेट्रोल और डीजल बेचने से काफी नुकसान हुआ है, जिसके चलते सरकार एचपीसीएल में इक्विटी निवेश करने जा रही है। सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के आम बजट में सरकारी फ्यूल कंपनियों (आईओसी, एचपीसीएल और भारत पेट्रोलियम) को 30,000 करोड़ रुपये की पूंजी सहायता देने का ऐलान किया था।
कैसे करेगी निवेश
सरकार ने जून में आईओसी और बीपीसीएल को पूंजी जुटाने के लिए राइट्स इश्यू (Rights Issue) लाने की इजाजत दी और एचपीसीएल से कहा गया कि वह सरकार को तरजीही आधार (Preferential Basis) पर शेयर एलॉट करने के विकल्प पर विचार करे।
मिल सकते हैं 10000 करोड़ रु
एचपीसीएल के बोर्ड ने अभी तक तरजीही इश्यू को मंजूरी नहीं दी है। हालांकि, मामले से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि एचपीसीएल बोर्ड सरकार के निर्देशों का इंतजार कर रहा है। उन्होंने अनुमान जताया कि सरकार के पास एचपीसीएल में करीब 10,000 करोड़ रुपये तक निवेश करने की गुंजाइश है।
एचपीसीएल की मौजूदा मार्केट कैपिटल 40340 करोड़ रुपये पर यह महत्वपूर्ण हिस्सेदारी में तब्दील हो जाएगा। सरकार ने जनवरी 2018 में एचपीसीएल में अपनी पूरी 51.11 प्रतिशत हिस्सेदारी ओएनजीसी को 36,915 करोड़ रुपये में बेच दी थी।
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