GQG ने एक बार फिर अडाणी पर जताया भरोसा, एक अरब डॉलर में खरीदी हिस्सेदारी

GQG Group And Others Buy Stakes In Adani Firms: GQG ने मार्च में भी अडाणी समूह की चार कंपनियों में हिस्सेदारी 1.87 अरब डॉलर में खरीदी थी। उसके बाद मई में भी उसने समूह की कंपनियों में 40-50 करोड़ डॉलर का निवेश किया था। तीसरी बार हुई डील में अडाणी समूह में निवेश करने वाले अन्य निवेशकों की पहचान अभी सामने नहीं आई है।

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अडाणी ग्रुप को मिला बड़ा बूस्ट

तस्वीर साभार : भाषा

GQG Group And Others Buy Stakes In Adani Firms:अडाणी ग्रुप पर एक बार फिर GQG पार्टनर्स ने भरोसा जताया है। GQG का पिछले 4 महीने में ये तीसरा बड़ा निवेश है। नई डील के तहत अमेरिका स्थित निवेश फर्म जीक्यूजी पार्टनर्स और कुछ अन्य निवेशकों ने अडाणी समूह की दो कंपनियों में प्रमोटर्स ग्रुप की कुछ हिस्सेदारी करीब एक अरब डॉलर में खरीदी है। यह हिस्सेदारी ब्लॉक डील के तहत खरीदी गई है। इस दौरान अडाणी समूह की मूल कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के 1.8 करोड़ शेयर यानी 1.6 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी गई। इसके अलावा अडाणी ग्रीन एनर्जी के 3.52 करोड़ शेयर यानी 2.2 प्रतिशत हिस्सेदारी भी बेच दी गई है।

मार्च से अब तक तीसरी बार निवेश

इसके पहले GQG ने मार्च में भी अडाणी समूह की चार कंपनियों में हिस्सेदारी 1.87 अरब डॉलर में खरीदी थी। उसके बाद मई में भी उसने समूह की कंपनियों में 40-50 करोड़ डॉलर का निवेश किया था। तीसरी बार हुई डील में अडाणी समूह में निवेश करने वाले अन्य निवेशकों की पहचान अभी सामने नहीं आई है। ताजा डील में अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर की कीमत 2,300 रुपये के स्तर पर और अडानी ग्रीन के शेयर कीमत 920 रुपये के स्तर पर हुई है।

अडाणी ने हिंडनबर्ग पर साधा निशाना

हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को अडाणी पर शेयरों की कीमतों में हेराफेरी करने और खातों में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। साथ ही शॉर्टसेलर ने फर्जी कंपनियों के जरिए धन के गुप्त लेनदेन का आरोप भी लगाया। इन आरोपों पर अडाणी ग्रुप की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की वार्षिक रिपोर्ट में समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी ने हाल ही में कहा है कि उच्चतम न्यायालय की विशेषज्ञ समिति को कोई नियामक विफलता नहीं मिली। उन्होंने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को भारत पर एक सोचा-समझा हमला बताया।

अडाणी ने कहा कि इन आरोपों का मकसद समूह की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाकर और शेयर की कीमतों को जानबूझकर गिराकर मुनाफा कमाना था।उन्होंने कहा कि न्यायालय की समिति में ऐसे व्यक्ति शामिल थे, जो अपनी स्वतंत्रता और ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं। समिति को नियामक विफलता या किसी उल्लंघन का कोई उदाहरण नहीं मिला।उन्होंने आगे कहा कि हालांकि, सेबी को आने वाले महीनों में अपनी रिपोर्ट (अडाणी समूह के खिलाफ एक अलग आरोप पर) पेश करनी है। हम अपने शासन और प्रकटीकरण मानकों के प्रति आश्वस्त हैं।अडाणी समूह ने सोमवार देर शाम एक बयान में कहा कि उन्हें हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद अमेरिकी अधिकारियों द्वारा अमेरिकी निवेशकों को किसी समन की जानकारी नहीं है।

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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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