फरवरी में 8 प्रमुख बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर पड़ी धीमी, राजकोषीय घाटा 86.5% पर

Industrial growth And Fiscal Deficit: आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर फरवरी में सालाना आधार पर सुस्त पड़कर 6.7 प्रतिशत पर पहुंच गई है। जबकि राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में संशोधित लक्ष्य का 86.5 प्रतिशत रहा।

औद्योगिक वृद्धि पड़ी धीमी, राजकोषीय घाटा 15 लाख करोड़ रुपए

Industrial growth And Fiscal Deficit: उर्वरक जैसे क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन की वजह से आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर फरवरी में सालाना आधार पर कुछ सुस्त पड़कर 6.7 प्रतिशत रही। हालांकि, बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर इस साल जनवरी के मुकाबले अधिक है। उधर सरकार का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष (2023-24) में फरवरी के अंत तक संशोधित लक्ष्य का 86.5 प्रतिशत या 15 लाख करोड़ रुपये रहा है।

आठ प्रमुख सेक्टर की वृद्धि दर

बृहस्पतिवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, आठ प्रमुख क्षेत्रों कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली... की वृद्धि दर जनवरी में 4.1 प्रतिशत थी। बीते वर्ष फरवरी में यह 7.4 प्रतिशत थी। कुल मिलाकर इन क्षेत्रों की उत्पादन वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-फरवरी में घटकर 7.7 प्रतिशत रही, जो बीते वित्त वर्ष 2022-23 में अप्रैल-फरवरी में 8.2 प्रतिशत थी। उर्वरक उत्पादन में वृद्धि में गिरावट आई है। देश के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में आठ प्रमुख क्षेत्रों का योगदान 40.27 प्रतिशत है।

फरवरी के अंत तक राजकोषीय घाटा

सरकार का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष (2023-24) में फरवरी के अंत तक संशोधित लक्ष्य का 86.5 प्रतिशत या 15 लाख करोड़ रुपये रहा है। बृहस्पतिवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। बीते वित्त वर्ष की समान अ‍वधि में राजकोषीय घाटा यानी व्यय और राजस्व का अंतर बजट 2022-23 के संशोधित अनुमान (आरई) का 82.8 प्रतिशत रहा था।
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