जून तिमाही में 6 से 6.3 फीसदी रह सकती है भारत की ग्रोथ रेट, डायवर्सिफाई इकोनॉमी है देश की ताकत : मूडीज
Expected Growth Rate For June Quarter: उन्होंने कहा कि भारत के पास अधिक वृद्धि हासिल करने की क्षमता है और इसका सपोर्ट सरकारी लोन के लिए स्थिर घरेलू फाइनेंसिंग बेस आधार और मजबूत एक्सटर्नल पॉजिशन है।
जून तिमाही के लिए अपेक्षित विकास दर
मुख्य बातें
- 6-6.3 फीसदी रह सकती है देश की विकास दर
- मूडीज ने लगाया जून तिमाही के लिए अनुमान
- डायवर्सिफाई इकोनॉमी है भारत की ताकत
Expected Growth Rate For June Quarter: रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody's) का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष (2023-24) की पहली यानी जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) 6-6.3 फीसदी की ग्रोथ रेट (Growth Rate) से बढ़ेगी। इसके साथ ही मूडीज ने सरकार का रेवेन्यू उम्मीद से कम रहने की वजह से राजकोषीय मोर्चे पर 'फिसलन' (Fiscal Slippage) की भी आशंका जताई है। मूडीज ने ग्रोथ रेट के लिए जो अनुमान लगाया है, वो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 8 प्रतिशत के अनुमान से काफी कम है।
जीडीपी के हाई लेवल पर है सरकारी कर्ज
मूडीज इन्वेस्टर सर्विसेज के एसोसिएट प्रबंध निदेशक जीन फैंग ने पीटीआई-भाषा से इंटरव्यू में कहा कि 2022-23 के लिए भारत का सामान्य सरकारी कर्ज सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के काफी उच्च स्तर यानी 81.8 प्रतिशत पर रहा है जबकि लोन लेने की क्षमता इससे काफी कम है।
उन्होंने कहा कि भारत के पास अधिक वृद्धि हासिल करने की क्षमता है और इसका सपोर्ट सरकारी लोन के लिए स्थिर घरेलू फाइनेंसिंग बेस आधार और मजबूत एक्सटर्नल पॉजिशन है।
मांग में सुधार की उम्मीद
फैंग के अनुसार अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की वृद्धि दर लगभग 6-6.3 प्रतिशत होगी, जो वित्त वर्ष 2022-23 की अंतिम तिमाही में दर्ज 6.1 प्रतिशत की वृद्धि के आसपास ही है। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति के नीचे आने की वजह से उम्मीद है कि परिवारों की मांग सुधरेगी।
ये हैं भारत की ताकत
फैंग के अनुसार ‘BAA3’ की सॉवरेन रेटिंग के साथ भारत की ताकत इसकी बड़ी और डायवर्सिफाई इकोनॉमी है जिसमें ऊंची वृद्धि दर हासिल करने की क्षमता है। इसका अंदाजा कमजोर वैश्विक आर्थिक आउटलुक के बीच वृद्धि के मजबूत अनुमान से लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने राजकोषीय नीति पर चिंताओं को दूर करते हुए पिछले दो साल में अपने फिस्कल टार्गेट को हासिल किया है। सरकार का राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) 2022-23 में घटकर जीडीपी का 6.4 प्रतिशत रह गया, जो 2021-22 में 6.7 प्रतिशत था।
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काशिद हुसैन author
काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर व...और देखें
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