Service Sector: जनवरी में घट गयी भारतीय सर्विस सेक्टर की ग्रोथ रेट, दो साल से ज्यादा के निचले स्तर पर फिसली
Service Sector Growth: एचएसबीसी के भारत के मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, ‘‘ भारत के सेवा क्षेत्र ने जनवरी में वृद्धि की गति खो दी, हालांकि पीएमआई 50 के स्तर से काफी ऊपर रहा। बिजनेस एक्टिविटी और नए बिजनेस पीएमआई सूचकांक क्रमशः नवंबर 2022 और नवंबर 2023 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर आ गए।’’’

सर्विस सेक्टर की वृद्धि दर में गिरावट
- भारतीय सर्विस सेक्टर की ग्रोथ रेट घटी
- जनवरी में आई गिरावट
- आ गयी दो साल से ज्यादा के निचले स्तर पर
Service Sector Growth: भारत के सर्विस सेक्टर की वृद्धि दर बिक्री और उत्पादन में धीमी वृद्धि के चलते जनवरी में दो वर्षों में सबसे धीमी गति से बढ़ी। बुधवार को जारी मासिक सर्वे में यह जानकारी दी गई। मौसमी रूप से एडजस्ट किया जाने वाला एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स (HSBC India Services Business Activity Index) दिसंबर के 59.3 से घटकर जनवरी में 56.5 पर आ गया, जो नवंबर के बाद से इसका सबसे निचला स्तर है। Purchasing Managers Index (पीएमआई) की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब गतिविधियों में विस्तार से और 50 से कम का मतलब गिरावट से होता है।
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पीएमआई 50 के स्तर से काफी ऊपर
एचएसबीसी के भारत के मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, ‘‘ भारत के सेवा क्षेत्र ने जनवरी में वृद्धि की गति खो दी, हालांकि पीएमआई 50 के स्तर से काफी ऊपर रहा। बिजनेस एक्टिविटी और नए बिजनेस पीएमआई सूचकांक क्रमशः नवंबर 2022 और नवंबर 2023 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर आ गए।’’’
कुल नए ऑर्डर के रुझान के उलट इंटरनेशनल सेल्स में तेजी से वृद्धि हुई। सर्वे में शामिल लोगों ने एशिया, यूरोप, पश्चिम एशिया और अमेरिका के ग्राहकों से लाभ का उल्लेख किया। विस्तार की कुल दर पांच महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।
फुल टाइम और पार्ट टाइम पदों पर हुईं नियुक्तियां
भंडारी ने कहा, ‘‘ ... नए निर्यात कारोबार में आंशिक रूप से गिरावट रही, हालांकि 2024 के अंत में गिरावट से उबरना जारी रखा...’’
सर्वेक्षण में कहा गया कि नए कारोबार में निरंतर सुधार और बढ़ती क्षमता दबाव ने सर्विस प्रोवाइडर्स को पिछली वित्तीय तिमाही की शुरुआत में अतिरिक्त कर्मचारियों की भर्ती करने के लिए प्रेरित किया। फुल टाइम और पार्ट टाइम पदों पर नियुक्तियां की गईं। दिसंबर से रोजगार सृजन की दर में तेजी आई और यह दिसंबर 2005 में डेटा कलेक्शन शुरू होने के बाद से सबसे तेजी से बढ़ी।
निजी क्षेत्र की वृद्धि दर
मूल्य के मोर्चे पर, सेवा कंपनियों ने अपने खर्चों में एक और उछाल देखा, जिसकी मुख्य वजह कर्मचारियों की बढ़ती लागत के साथ फूड आइटम्स की बढ़ती कीमतें भी रहीं। बढ़ती लागत के बोझ व मांग के लचीलेपन के नतीजे में 2025 की शुरुआत में भारतीय सेवाओं के प्रावधान के लिए लगाए गए मूल्य और भी बढ़ गए।
इस बीच, भारत की निजी क्षेत्र की वृद्धि दर जनवरी में कुछ धीमी हुई। एचएसबीसी इंडिया कम्पोजिट आउटपुट सूचकांक दिसंबर के 59.2 से गिरकर 14 महीने के निचले स्तर 57.7 पर आ गया।
ओवरऑल पीएमआई इंडेक्स कम्पेयरेबल मैन्युफैक्चरिंग एंड सर्विसेज पीएमआई इंडेक्स का वेटेज एवरेज है। एचएसबीसी इंडिया सेवा पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 सेवा क्षेत्र की कंपनियों के समूह को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है। (इनपुट - भाषा)
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