GST Collection: जुलाई में 1.34 लाख करोड़ पहुंचा GST कलेक्शन, अब तक का तीसरा सबसे ज्यादा

GST Collection: जुलाई में घरेलू गतिविधियों से संग्रह 8.9 प्रतिशत बढ़कर 1.34 लाख करोड़ रुपये हो गया। आयात से राजस्व 14.2 प्रतिशत बढ़कर 48,039 करोड़ रुपये हो गया। जीएसटी लागू होने के बाद से किसी महीने में दर्ज तीसरा सर्वाधिक टैक्स कलेक्शन है। जुलाई में कुल रिफंड 16,283 करोड़ रुपये रहा।

gst collection In july

जीएसटी कलेक्शन

GST Collection:गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) कलेक्शन जुलाई में 10.3 प्रतिशत बढ़कर 1.82 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। यह जीएसटी लागू होने के बाद से किसी महीने में दर्ज तीसरा सर्वाधिक टैक्स कलेक्शन है।सरकार की तरफ से बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई में कुल रिफंड 16,283 करोड़ रुपये रहा। इस रिफंड के बाद शुद्ध जीएसटी संग्रह 14.4 प्रतिशत बढ़कर 1.66 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा।जुलाई में सकल जीएसटी राजस्व 1,82,075 करोड़ रुपये रहा। इसमें 32,386 करोड़ रुपये का केंद्रीय जीएसटी, 40,289 करोड़ रुपये का राज्य जीएसटी और 96,447 करोड़ रुपये का एकीकृत जीएसटी शामिल है। मुआवजा उपकर संग्रह 12,953 करोड़ रुपये रहा।

क्यों बढ़ा टैक्स कलेक्शन

जीएसटी राजस्व में बढ़ोतरी घरेलू गतिविधियों से संचालित रही। जुलाई में घरेलू गतिविधियों से संग्रह 8.9 प्रतिशत बढ़कर 1.34 लाख करोड़ रुपये हो गया। आयात से राजस्व 14.2 प्रतिशत बढ़कर 48,039 करोड़ रुपये हो गया।अप्रैल, 2024 में सकल जीएसटी संग्रह 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया था। उसके पहले अप्रैल, 2023 में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 1.87 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस तरह जुलाई 1.82 लाख करोड़ रुपये के साथ तीसरा सर्वाधिक संग्रह है।चालू वित्त वर्ष में अबतक कुल कर संग्रह 10.2 प्रतिशत बढ़कर लगभग 7.39 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

आयात से ज्यादा GST कलेक्शन

जीएसटी संग्रह के इन आंकड़ों पर डेलॉयट इंडिया में पार्टनर एम एस मणि ने कहा कि सकल जीएसटी राजस्व में 10.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, लेकिन यह देखना दिलचस्प है कि आयात से जीएसटी राजस्व में वृद्धि घरेलू आपूर्ति से अधिक है।केपीएमजी के भारत में अप्रत्यक्ष कर प्रमुख अभिषेक जैन ने कहा कि इस वर्ष कर संग्रह में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि उम्मीदों के अनुरूप है और अगले कुछ महीनों में त्योहारों के आने के साथ कर संग्रह में और वृद्धि होनी चाहिए।

ईवाई इंडिया में टैक्स पार्टनर सौरभ अग्रवाल ने कहा कि आंकड़ा नगालैंड, मणिपुर, अंडमान एवं निकोबार और लद्दाख से कर संग्रह में वृद्धि दर्शाता है, जो इन विकासशील क्षेत्रों में बढ़ी हुई आर्थिक गतिविधियों और खपत का संकेत देता है। हालांकि, मानसून के समग्र आर्थिक रफ्तार पर असर की वजह से अगस्त में टैक्स कलेक्शन में संभावित स्थिरता या गिरावट आ सकती है।

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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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