GST Collection: जीएसटी कलेक्शन पर सरकार ने नहीं जारी किया डाटा, इस बार जून में 1.74 लाख करोड़-सूत्र
GST Collection: एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) का निपटान केद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) के मद में 39,586 करोड़ रुपये का और राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) के मद में 33,548 करोड़ रुपये का किया गया।इस साल अप्रैल में जीएसटी संग्रह 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छू गया था।
जीएसटी कलेक्शन
GST Collection: सकल जीएसटी संग्रह जून में आठ प्रतिशत बढ़कर 1.74 लाख करोड़ रुपये रहा। सरकार ने हालांकि मासिक जीएसटी संग्रह के आंकड़े आधिकारिक रूप से फिलहाल जारी नहीं किए हैं।सूत्रों ने कहा कि चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-जून) में अब तक सकल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 5.57 लाख करोड़ रुपये रहा।जून में संग्रह मई 2024 के संग्रह 1.73 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। यह जून 2023 के संग्रह 1.61 लाख करोड़ रुपये से आठ प्रतिशत अधिक है।
सिंगल डिजिट ग्रोथ
एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) का निपटान केद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) के मद में 39,586 करोड़ रुपये का और राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) के मद में 33,548 करोड़ रुपये का किया गया।इस साल अप्रैल में जीएसटी संग्रह 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छू गया था। सूत्रों ने बताया कि सरकार आगे कर संग्रह के संबंध में कोई बयान जारी नहीं करेगी।ईवाई इंडिया के ‘टैक्स पार्टनर’ सौरभ अग्रवाल ने कहा कि यह मजबूत प्रदर्शन अर्थव्यवस्था में तेजी को दर्शाता है। इसमें कर विभाग के साथ ही व्यवसाय जगत का भी योगदान है।अग्रवाल ने कहा कि संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि से जीएसटी सुधारों के आगे बढ़ाये जाने की उम्मीद है। अगले सुधार संभावित रूप से कार्यशील पूंजी अवरोधों का समाधान कर सकते हैं।
जीएसटी पर याचिका खारिज
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाने और कर अधिकारियों द्वारा अंकेक्षण की समय सीमा बढ़ाने के लिए जारी केंद्र और राज्य सरकार के आदेशों व अधिसूचनाओं को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है।वर्ष 2020 में कोरोना वायरस महामारी के दौरान जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाई गई थी।न्यायमूर्ति एसडी सिंह और न्यायमूर्ति दोनादी रमेश की पीठ ने ‘मेसर्स ग्रैजियानो ट्रांसमिशन’ और कई अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर यह आदेश पारित किया।
अदालत ने कहा कि सरकार के पास समय सीमा बढ़ाने का अधिकार है। अदालत ने कहा कि उक्त अधिसूचना जारी करने का अधिकार सरकार के पास मौजूद है। यह गैर विवादित है। हमारे विचार से जिन अधिकारों का उपयोग किया गया, वे विधिक शर्तों के दायरे में हैं। अदालत ने 31 मई को दिए अपने निर्णय में कहा कि तथ्यों के मुताबिक, कोविड-19 की वजह से समय सीमा बढ़ाई गई और जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के लिए समय सीमा बढ़ाने में विवेक का उपयोग किया गया।
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