GST Council Meeting: हेल्थ इंश्योरेंस पर प्रीमियम होगा सस्ता ! GST काउंसिल की मीटिंग पर सबकी नजर
GST Council Meeting: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद इस बात पर फैसला करेगी कि स्वास्थ्य बीमा पर कर का बोझ मौजूदा 18 प्रतिशत से कम किया जाए या वरिष्ठ नागरिकों जैसे कुछ श्रेणियों के व्यक्तियों को छूट दी जाए। परिषद में राज्यों के वित्त मंत्रीभी शामिल हैं।
जीएसटी मीटिंग
GST Council Meeting:जीएसटी काउंसिल की आज होने वाली बैठक में बीमा प्रीमियम पर टैक्सेशन, दरों को तर्कसंगत बनाने पर मंत्री समूह के सुझाव और ऑनलाइन गेमिंग पर स्थिति रिपोर्ट समेत अन्य मुद्दों पर विचार कर सकती है। आज की बैठक में फिटमेंट समिति जीवन, स्वास्थ्य और पुनर्बीमा प्रीमियम पर लगाए जाने वाले जीएसटी और राजस्व प्रभाव पर एक रिपोर्ट पेश करेगी। समिति में केंद्र और राज्य कर अधिकारी शामिल हैं। सबसे ज्यादा नजर स्वास्थ्य बीमा पर कर का बोझ मौजूदा 18 प्रतिशत से कम होगी या नहीं इस पर है।
क्यों है बीमा पर जीएसटी रेट घटाने की मांग
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद इस बात पर फैसला करेगी कि स्वास्थ्य बीमा पर कर का बोझ मौजूदा 18 प्रतिशत से कम किया जाए या वरिष्ठ नागरिकों जैसे कुछ श्रेणियों के व्यक्तियों को छूट दी जाए। परिषद में राज्यों के वित्त मंत्रीभी शामिल हैं। जीवन बीमा प्रीमियम पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती के संबंध में भी विचार-विमर्श होने की संभावना है।
केंद्र और राज्यों ने 2023-24 में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी के माध्यम से 8,262.94 करोड़ रुपये प्राप्त किए, जबकि स्वास्थ्य पुनर्बीमा प्रीमियम पर जीएसटी से 1,484.36 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई।बीमा प्रीमियम पर टैक्सेशन का मुद्दा संसद में भी उठ चुका है। विपक्षी सदस्यों ने मांग की कि स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम को जीएसटी से मुक्त रखा जाए। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस मुद्दे पर सीतारमण को पत्र लिखा है।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा था कि जीएसटी प्राप्ति का 75 प्रतिशत राज्यों को जाता है और विपक्षी सदस्यों को अपने राज्य के वित्त मंत्रियों से जीएसटी परिषद में प्रस्ताव लाने के लिए कहना चाहिए।
ऑनलाइन गेमिंग पर फैसले का इंतजार
पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने पिछले महीने दर को युक्तिसंगत बनाने पर मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठक में यह मुद्दा उठाया था और मामले को आगे के विश्लेषण के लिए फिटमेंट समिति को भेजा गया था।मंत्री समूह (जीओएम) ने फिलहाल 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के चार स्तरीय जीएसटी स्लैब में किसी भी तरह की बदलाव को लेकर असहमति जतायी थी। हालांकि, समूह ने फिटमेंट समिति से वस्तुओं और सेवाओं की दरों को तर्कसंगत बनाने की संभावना पर विचार करने को कहा था।ऑनलाइन गेमिंग के संबंध में केंद्र और राज्य कर अधिकारी जीएसटी परिषद के समक्ष ‘स्थिति रिपोर्ट’ पेश करेंगे। रिपोर्ट में एक अक्टूबर, 2023 से पहले और बाद में ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र से होने वाले जीएसटी राजस्व संग्रह की बात शामिल होगी।
ऑनलाइन गेमिंग मंच और कसीनो पर एक अक्टूबर, 2023 से लगाये गये प्रवेश स्तर के दांव 28 प्रतिशत जीएसटी लग रहे हैं। इससे पहले, कई ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां 28 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान नहीं कर रही थीं, उनका यह तर्क था कि कौशल के खेल और किस्मत के खेल के लिए अलग-अलग कर दरें थीं।जीएसटी परिषद ने अगस्त, 2023 में अपनी बैठक में स्पष्ट किया था कि ऑनलाइन गेमिंग मंचों को 28 प्रतिशत कर का भुगतान करना होगा। बाद में कराधान प्रावधान को स्पष्ट करने के लिए केंद्रीय जीएसटी कानून में संशोधन किया गया था।
विदेशी गेमिंग मंचों के लिए भी जीएसटी अधिकारियों के पास पंजीकरण करना और करों का भुगतान करना अनिवार्य किया गया। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो सरकार वैसी साइट को ब्लॉक कर देगी।परिषद ने तब निर्णय लिया था कि इसके क्रियान्वयन के छह महीने बाद ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र पर कराधान की समीक्षा की जाएगी।सूत्रों ने कहा कि परिषद क्षेत्र पर कराधान की स्थिति पर विचार-विमर्श करेगी। इस मामले में कर दरों में किसी प्रकार के बदलाव की संभावना नहीं है।
फर्जी रजिस्ट्रेशन अभियान पर भी नजर
इसके अलावा, परिषद को फर्जी पंजीकरण के खिलाफ चल रहे अभियान, इसकी सफलता और ऐसी संस्थाओं के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में भी अवगत कराये जाने की संभावना है। संदिग्ध जीएसटी चोरी की कुल राशि भी परिषद के समक्ष रखी जाएगी।साथ ही, परिषद पिछली बैठक में घोषित छूट या माफी योजना सहित अधिसूचनाओं को भी मंजूरी देगी। परिषद की 22 जून को हुई बैठक में तय किए गए जीएसटी कानून में विभिन्न संशोधनों को वित्त अधिनियम, 2024 के माध्यम से संसद में मंजूरी दी गयी।
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