GST Council Meeting:बजट से पहले GST की अहम बैठक आज, इन फैसलों पर लग सकती है मुहर
GST Council Meeting: ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए दांव के पूरे मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने के निर्णय की समीक्षा कर सकती है। यह निर्णय एक अक्टूबर, 2023 को लागू हुआ था। उर्वरक बनाने वाली कंपनियों और किसानों के हित में पोषक तत्वों और कच्चे माल पर जीएसटी घटाने पर फैसला हो सकता है।
जीएसटी की मीटिंग में ऑनलाइन गैमिंग पर टैक्स को लेकर हो सकती है चर्चा
GST Council Meeting: जीएसटी से जुड़े मामलों की शीर्ष संस्था जीएसटी परिषद की शनिवार यानी आज अहम बैठक है। इस बैठक में ऑनलाइन गेमिंग पर टैक्स और उर्वरक पर टैक्स कम करने संबंधी संसदीय समिति की सिफारिश समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्री भी शामिल होंगे। यह बैठक आठ महीने के अंतराल के बाद हो रही है। जीएसटी परिषद की पिछली बैठक सात अक्टूबर, 2023 को हुई थी।
इन अहम फैसलों पर नजर
बैठक में परिषद के पिछले निर्णयों के आधार पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर को युक्तिसंगत बनाने और जीएसटी कानूनों में संशोधन पर रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए गठित 'मंत्रियों के समूह' (जीओएम) की प्रगति पर भी चर्चा होने की संभावना है।परिषद उर्वरक बनाने वाली कंपनियों और किसानों के हित में पोषक तत्वों और कच्चे माल पर जीएसटी घटाने के लिए फरवरी में रसायन और उर्वरक पर संसद की स्थायी समिति द्वारा की गई सिफारिशों पर भी चर्चा कर सकती है।फिलहाल उर्वरकों पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है जबकि सल्फ्यूरिक एसिड और अमोनिया जैसे कच्चे माल पर 18 प्रतिशत की ऊंची दर से कर लगता है।
परिषद ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए दांव के पूरे मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने के निर्णय की समीक्षा कर सकती है। यह निर्णय एक अक्टूबर, 2023 को लागू हुआ था।जुलाई और अगस्त की बैठकों में जीएसटी परिषद ने ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ को कर-योग्य दावों के रूप में शामिल करने के लिए कानून में संशोधन को मंजूरी दी थी।इस फैसले के बाद वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 के दौरान 1.12 लाख करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी चोरी के आरोप में ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को 70 से अधिक नोटिस जारी किए गए हैं। उनमें से कई कंपनियां नोटिस के खिलाफ अदालत चली गई हैं।
कॉरपोरेट गारंटी के संबंध में परिषद कंपनियों द्वारा अपनी अनुषंगियों को दी गई गारंटी पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने के अपने फैसले की भी समीक्षा कर सकती है।इसके अलावा जीएसटी परिषद दरों को तर्कसंगत बनाने पर जीओएम को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए समय सीमा निर्धारित कर सकती है। पिछले एक साल में जीओएम का दो बार पुनर्गठन किया गया है और अब इसके प्रमुख बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी हैं।
सूत्रों के मुताबिक, जीएसटी परिषद यह साफ कर सकती है कि दूरसंचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम शुल्क के लिए भुगतान की जाने वाली किस्तों के साथ जीएसटी देना होगा।मौजूदा समय में जीएसटी प्रणाली के तहत शून्य, पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत दर वाले पांच कर स्लैब हैं। विलासिता वाली वस्तुओं पर 28 प्रतिशत दर के अलावा उपकर भी लगाया जाता है
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