1 साल में पकड़ी गई 1.01 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी, पिछले साल के मुकाबले हुई दोगुनी

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जीएसटी डिपार्टमेंट ने एक साल के अंदर 1.01 लाख करोड़ रुपये की टैक्स चोरी पकड़ी है

मुख्य बातें
  • वित्त वर्ष 2022-23 में पकड़ी गई 1.01 लाख करोड़ की GST चोरी
  • वित्त वर्ष 2021-22 के मुकाबले पकड़ी गई दोगुनी टैक्स चोरी
  • डाटा एनालिसिस, मानवीय खुफिया सूचनाओं से पकड़ी जा रही चोरी

GST Evasion: टैक्स अधिकारियों ने 31 मार्च 2023 को खत्म हुए वित्त वर्ष 2022-23 में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की बड़ी चोरी पकड़ने में बड़ी सफलता हासिल की। डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने पिछले वित्त वर्ष 1.01 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा जीएसटी चोरी पकड़ी। एक अधिकारी ने इस मामले पर जानकारी देते हुए कहा कि जीएसटी खूफिया महानिदेशालय (DGGI) के अधिकारियों ने पिछले वित्त वर्ष में टैक्स चोरी करने वालों से 21,000 करोड़ रुपये की वसूली भी की।

डाटा एनालिसिस और मानवीय खुफिया सूचनाओं से पकड़ी जा रही चोरी

अधिकारी ने कहा कि भारत सरकार टैक्स कम्प्लायंस बढ़ाने के लिए वो सभी कदम उठा रही है, जो उठाए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि टैक्स से जुड़ी धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए डाटा एनालिसिस और मानवीय खुफिया सूचनाओं का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

वित्त वर्ष 21-22 की तुलना में वित्त वर्ष 22-23 में दोगुना हुई टैक्स चोरी

अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत करते हुए कहा, ‘‘डीजीजीआई अधिकारियों ने वित्त वर्ष 2022-23 में कुल 1,01,300 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का पता लगाया है जो पिछले साल की तुलना में करीब दोगुना है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 में डीजीजीआई ने 54,000 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का पता लगाया था।’’

जीएसटी चोरी के मामलों में भी आई बढ़ोतरी

बीते वित्त वर्ष में टैक्स चोरी के करीब 14,000 मामले दर्ज किए गए जबकि एक साल पहले ये आंकड़ा 12,574 था। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी जीएसटी देने से बचने के लिए कारोबारी टैक्स के लिए योग्य सामान और सेवाओं के दाम को घटाकर दिखाने के साथ टैक्स छूट के गलत दावे पेश करने और इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) लेने में भी गड़बड़ी करते हैं। इसके अलावा टैक्स की चोरी के लिए व्यापारी और कारोबारी द्वारा फर्जी रसीदें जमा करने और फर्जी कंपनियों के साथ लेनदेन का ब्योरा भी दिखाया जाता है।ॉ

भाषा इनपुट्स के साथ

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    सुनील चौरसिया author

    मैं सुनील चौरसिया,. मऊ (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला हूं और अभी दिल्ली में रहता हूं। मैं टाइम्स नाउ नवभारत में बिजनेस, यूटिलिटी और पर्सनल फाइनेंस पर...और देखें

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