GST Evasion: FY24 में हुई 2 लाख करोड़ रु के GST की चोरी, ऑनलाइन गेमिंग और कैसीनो में हुई सबसे ज्यादा धांधली

GST Evasion: वित्त मंत्रालय के रेवेन्यू डिपार्टमेंट की खुफिया शाखा, जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने पता लगाया है कि ऑनलाइन गेमिंग और कैसीनो (83,588 करोड़ रुपये), को-इंश्योरेंस/पुनर्बीमा (16,305 करोड़ रुपये) और सेकेंडमेंट (1,064 करोड़ रुपये) में सबसे अधिक जीएसटी चोरी की गई है।

GST Evasion In FY24

FY24 में जीएसटी चोरी

मुख्य बातें
  • 2 लाख करोड़ रु के GST की चोरी
  • FY24 में हुआ चोरी का खुलासा
  • ऑनलाइन गेमिंग-कैसीनो में सबसे ज्यादा धांधली

GST Evasion: वस्तु एवं सेवा कर (GST) अधिकारियों ने 2023-24 में लगभग 2.01 लाख करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का पता लगाया है। यह राशि वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान कुल जीएसटी कलेक्शन के लगभग 10% के बराबर है। वित्त वर्ष 2023-24 में जीएसटी चोरी का यह आंकड़ा अब तक का सबसे अधिक है। बता दें कि पिछले वित्त वर्ष में जीएसटी कलेक्शन में 11.6% की वृद्धि दर्ज की गई और ये 20.18 लाख करोड़ रुपये रहा।

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किन सेगमेंटों में सबसे अधिक हुई टैक्स चोरी

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार वित्त मंत्रालय के रेवेन्यू डिपार्टमेंट की खुफिया शाखा, जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने पता लगाया है कि ऑनलाइन गेमिंग और कैसीनो (83,588 करोड़ रुपये), को-इंश्योरेंस/पुनर्बीमा (16,305 करोड़ रुपये) और सेकेंडमेंट (1,064 करोड़ रुपये) में सबसे अधिक जीएसटी चोरी की गई है।

टैक्स चोरी के सामने आए कुल 6074 मामले

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार FY24 के अंत तक के आंकड़ों से पता चलता है कि जीएसटी चोरी के 6,074 मामलों का पता लगा है, जिसमें लगभग 2,01,931 करोड़ रुपये की राशि शामिल है। ये पिछले वित्त वर्ष की राशि से 99% अधिक है।

वित्त वर्ष 2022-23 में जीएसटी चोरी के लगभग 4,872 मामलों का पता चला, जिसमें 1,01,354 करोड़ रुपये की राशि शामिल है, जिसमें 20,713 करोड़ रुपये का स्वैच्छिक भुगतान (Voluntary Payment) और 92 गिरफ्तारियां शामिल रहीं।

कितना रहा स्वैच्छिक भुगतान

वित्त वर्ष 2023-24 में टैक्स चोरी में बढ़ोतरी के साथ ही टैक्स के स्वैच्छिक भुगतान में भी वृद्धि हुई। जीएसटी के स्वैच्छिक भुगतान की राशि 26,598 करोड़ रुपये रही, जो वित्त वर्ष 2023-24 में कुल जीएसटी कलेक्शन का लगभग 1.3 प्रतिशत रहा।

इनडायरेक्ट टैक्स रिजीम के तहत फ्रॉड, चोरी और फर्जी कंपनियों के रजिस्ट्रेशन के खिलाफ जारी कार्रवाई के बीच इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का गलत फायदा या फर्जी आईटीसी क्लेम जीएसटी अधिकारियों के लिए चिंता का एक प्रमुख कारण बनकर उभरा है।

आईटीसी फ्रॉड के करीब 2200 मामलों का लगा पता

FY24 के दौरान, सरकारी राजस्व में होने वाले नुकसान को रोकने के लिए DGGI ने नकली ITC के खिलाफ एक विशेष अभियान चलाया। इस अभियान में 21,089 करोड़ रुपये के आईटीसी फ्रॉड से जुड़े 2,197 मामलों का पता चला, जिनमें 2,577 करोड़ रुपये का स्वैच्छिक भुगतान शामिल रहा।

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काशिद हुसैन author

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